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शिक्षा विभाग : 06 माह बाद ‘रिटायरमेंट’ और कर दिया ‘तबादला’

शिक्षा विभाग में तबादला ऐक्ट के साइड इफेक्ट शुरू हो गए। सुगम और दुर्गम के शिक्षकों के तबादले के लिए स्पष्ट मानक न होने से रिटायरमेंट के करीब पहुंच चुके हेडमास्टर और शिक्षकों तक के तबादले हो गए हैं।...

लाइव हिन्दुस्तान टीम, देहरादून Sat, 29 June 2019 06:51 PM
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शिक्षा विभाग में तबादला ऐक्ट के साइड इफेक्ट शुरू हो गए। सुगम और दुर्गम के शिक्षकों के तबादले के लिए स्पष्ट मानक न होने से रिटायरमेंट के करीब पहुंच चुके हेडमास्टर और शिक्षकों तक के तबादले हो गए हैं। शिक्षक परेशान हैं कि महज दो से छह माह के लिए वो जाएं तो कहां जाएं? शुक्रवार को बड़ी संख्या में शिक्षकों ने शिक्षा निदेशक आरके कुंवर, अपर निदेशक-माध्यमिक रामकृष्ण उनियाल से भेंटकर शिकायत की। निदेशालय में अफसरों के चक्कर काट रहे राजपाल सिंह चौहान और अतर सिंह नेगी ने कहा कि यह ज्यादती नहीं तो क्या है? तबादला कानून में 55 वर्ष और अधिक आयु के शिक्षक को सुगम से दुर्गम में तबादले से छूट हैं। पर, दुर्गम में तैनात 59 साल तक के शिक्षकों को तबादले के दायरे में रखा गया है। दूसरी तरफ, कई शिक्षकों की शिकायत है कि उन्होंने जो दस विकल्प भरे थे, उन्हें नहीं दिए गए। शिक्षा निदेशक ने शिक्षकों को आश्वस्त किया कि उनकी बात शासन के समक्ष रखी जाएगी। फिलहाल वे अपने प्रत्यावेदन सौंप दें। कुंवर ने कहा कि दुर्गम से सुगम में आने की बाध्यता को खत्म करने का प्रस्ताव सरकार को दिया जाएगा। जिस प्रकार  55 साल की आयु पूरी कर चुके शिक्षकों को सुगम से दुर्गम में तबादले में रियायत है, उसी प्रकार इन्हें भी छूट दे दी जाए।


सुगम से संकट

केस 01 : उत्तरकाशी के जीआईसी टिकोची के प्रवक्ता राजपाल सिंह चौहान का रिटायरमेंट छह महीने के बाद है। उनका तबादला चमोली के सुगम के स्कूल जीआईसी जोशीमठ कर दिया गया है।

केस 02: टिहरी के राजकीय उच्चतर माध्मिक विद्यालय तुंगोली के हेडमास्टर किशोरीलाल रतूड़ी का तबादला उत्तरकाशी के भकड़ा राउमावि में किया गया है। रतूड़ी का रिटायरमेंट भी चंद महीने बाद ही है।


केस 03:  टिहरी के देवनधंसी आदर्श मॉडल स्कूल के हेडमास्टर अतर सिंह नेगी का रिटायरमेंट चार जनवरी 2010 को होना है। उनका तबादला नरेंद्रनगर के मौण प्राथमिक स्कूल में हो गया है।


शिक्षक बोले, तबादलों में लागू हो पांडियन फार्मूला 
शिक्षकों ने तबादला प्रक्रिया को व्यवहारिक और पारदर्शी बनाने केलिए पूर्व शिक्षा सचिव डी.सेंथिल पांडियन का काउंसलिंग फार्मूला लागू करने की मांग की है। राजकीय शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष राम सिंह चौहान, गढ़वाल मंडल संरक्षक शिव सिंह नेगी, देवकीनंदन भट्ट, योगेशचंद्र जोशी, नरेज जमलोकी, रवि बगौटी,धनंजय उनियाल, नागेंद्र पुरोहित आदि ने कहा कि काउंसलिंग एक पारदर्शी व्यवस्था थी। शिक्षक को पता रहता था कि उसका तबादला कहां होगा। अब सब कुछ अफसरों के हाथ में हैं। वो जहां चाहे वहां भेज दें।

तबादले से असंतुष्ट हैं तो तत्काल करें शिकायत 
यदि आप तबादले से संतुष्ट नहीं है या आपके साथ नाइंसाफी हुई है तो तत्काल शिकायत दर्ज कराएं। तबादला कानून के तहत हर शिक्षक-कर्मचारी को अपनी बात रखने का अधिकार है। शिक्षा निदेशक आरके कुंवर ने बताया कि तबादला आदेश जारी होने के तीन दिन के भीतर शिक्षक अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। उस पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।

 

 

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