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सांप और बंदर नहीं, आदमखोर गुलदार के आतक से लोग ज्यादा परेशान, यह है हेल्पलाइन नंबर

सर्दी बढ़ने के साथ ही उत्तराखंड में गुलदार का आतंक बढ़ रहा है। नवंबर के बाद से आबादी वाले इलाकों में गुलदार का मूवमेंट ही सबसे ज्यादा दर्ज किया जा रहा है। गुलदार के आतंक से लोग परेशान हैं।

Himanshu Kumar Lall हल्द्वानी, हिन्दुस्तान, Wed, 20 Dec 2023 06:36 PM
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सर्दी बढ़ने के साथ ही उत्तराखंड में गुलदार का आतंक बढ़ रहा है। नवंबर के बाद से आबादी वाले इलाकों में गुलदार का मूवमेंट ही सबसे ज्यादा दर्ज किया जा रहा है। गुलदार के आतंक से परेशान लोग वन विभाग के हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत भी दर्ज करा रहे हैं।

वन विभाग ने इसी वर्ष से मानव वन्य जीव की कोई दुर्घटना या फिर आबादी क्षेत्र में वन्य जीव की उपस्थिति से संबंधित सूचना देने के लिए हेल्पलाइन नंबर 815068110, 18008 909715 जारी किए हैं।

इन नंबरों पर नवंबर के बाद से शिकायतें आने का सिलसिला काफी बढ़ गया है। बीते करीब 50 दिनों में 90 से ज्यादा शिकायतें लोगों ने दर्ज कराई हैं। इनमें 55 से अधिक शिकायतें गुलदार के आबादी क्षेत्र में मूवमेंट की हैं।

शिकायतकर्ता घरों के आसपास गुलदार के घूमने, मवेशियों को मारने, इंसानों पर हमला करने समेत कई समस्याएं साझा कर रहे हैं। वन्यजीवों के आतंक से छुटकारा दिलाने की मांग भी कर रहे हैं। मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डॉ. समीर सिन्हा ने बताया कि लोगों की परेशानी हल करने की हर मुमकिन कोशिश की जाती है।

गुलदार के बाद सांप और बंदर का आतंक
हेल्पलाइन में गुलदार के बाद दूसरे नंबर पर बंदर और सांप को लेकर शिकायतें पहुंच रही हैं। 10 से 15 शिकायतें क्रमश: सांप और बंदरों की दर्ज हुई हैं। लोग फसलों को बर्बाद कर रहे बंदरों और घरों में घुसे सांपों को लेकर शिकायत दर्ज करा रहे हैं। इसके अलावा हाथी सूअर के आतंक को लेकर भी 5 से 7 शिकायतें आई।

शाम होते ही घर के पास कामकाजी महिलाओं का काल बन रहा आदमखोर
भीमताल क्षेत्र में आदमखोर महिलाओं को अपना शिकार बना रहा है। खास बात यह है कि शाम होते ही आदमखोर सक्रिय हो जाता है। दिसंबर माह में अब तक हुईं तीनों घटनाओं में आदमखोर ने शाम के समय ही महिलाओं की जान ली है। लगातार हो रही घटनाओं से लोगों में भारी आक्रोश है।

मलुवाताल गांव में सात दिसंबर को आदमखोर ने इंद्रा बेलवाल को शिकार बनाया । मलुवाताल के  कसाइल निवासी इंद्रा अन्य महिलाओं के साथ जंगल लकड़ी लेने गई थीं। अचानक हुए आदमखोर के हमले में उनकी जान गई थी। वहीं नौ दिसंबर को पिनरो निवासी पुष्पा देवी को अपना शिकार बनाया। वह घर से कुछ दूरी पर ही घास काट रही थीं।

तभी आदमखोर ने हमला किया और घसीटकर उन्हें जंगल की ओर ले गया। घटना स्थल से कुछ दूर गधेरे से शव बरामद हुआ था। लगातार दो घटनाओं के बाद लोगों के आक्रोश को देखते हुए वन विभाग ने गश्त तेज की थी। इस बीच मंगलवार को एक और युवती को आदमखोर ने निवाला बना लिया। यह तीनों घटनाएं करीब पांच किमी के क्षेत्र में हुई हैं। 

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