Hindi Newsउत्तराखंड न्यूज़Rishikesh news police arrested CSC operator in fake identity cards scam link with illegal immigrants suspected

फर्जी पहचान पत्र बन रहा घुसपैठियों के प्रश्रय का जरिया, ऋषिकेश में जनसेवा केंद्र का भंडाफोड़

उत्तराखंड के ऋषिकेश में पुलिस ने जनसेवा केंद्र के संचालक को फर्जी पहचान पत्र बनाने के मामले में गिरफ्तार किया है। पुलिस ने 500 से अधिक कार्ड बरामद और 1 नेपाली नागरिक को भी गिरफ्तार किया है।

Abhishek Mishra हिन्दुस्तान, ऋषिकेशWed, 28 Dec 2022 08:08 AM
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ऋषिकेश में बिना दस्तावेजों के विदेशी नागरिकों और दूसरे राज्यों के लोगों के आधार, वोटर और पैनकार्ड बनाने वाले जनसेवा केंद्र (सीएससी) का खुलासा कर एसटीएफ ने तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार लोगों में एक नेपाली नागरिक और दो सगे भाई शामिल हैं। एसटीएफ ने मौके से 640 कार्ड और कंप्यूटर बरामद किया गया है।

स्पेशल टास्क फोर्स के एसएसपी आयुष अग्रवाल ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस कर इस घपलेबाजी और विदेशी नागरिकों को प्रश्रय देने के खुलासे की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एम्स रोड स्थित जन सेवा केंद्र पर बिना किसी डॉक्यूमेंट प्रूफ के अवैध तरीके से लोगों के आधार, वोटर कार्ड आदि पहचान पत्र बनाए जा रहे थे। केंद्र पर विदेशी नागरिकों के भी कार्ड बनाए गए, जिनमें ज्यादातर नेपाल के नागरिक हैं। अग्रवाल ने बताया कि हम इस एंगल की भी जांच कर रहे हैं कि इन फर्जी पहचानपत्रों का इस्तेमाल कहीं राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के लिए किया गया है नहीं। उन्होंने बताया कि मौके से तीन नेपाली नागरिकों के फर्जी भारतीय वोटर आईडी कार्ड मिले हैं।

दस हजार में बना दी फर्जी वोटर आईडी 

इस फर्जीवाड़े की जानकारी मिलने के बाद एसटीएफ ने एक नेपाली नागरिक दिल बहादुर को सीएससी पर आधार कार्ड बनवाने भेजा। आरोपी लक्ष्मण सिंह सैनी ने 10 हजार रुपये में दिल बहादुर का आधार कार्ड और वोटर आईडी बनाने का सौदा किया। 26 दिसंबर को सैनी ने दिल बहादुर का पौड़ी के एक गांव का वोटर कार्ड बना दिया व आधार कार्ड के लिए भी फॉर्म भर दिया। इसके बाद एसटीएफ ने ऋषिकेश के ही रहने वाले लक्ष्मण सिंह सैनी और बाबू सैनी और नेपाली नागरिक भरत सिंह उर्फ भरदे को  गिरफ्तार कर लिया। कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) की आड़ में विदेशी एवं अन्य राज्यों के लोगों का उत्तराखंड का वोटर और आधार कार्ड बनाने का कारनामा लंबे समय से चल रहा था। एसटीएफ ने सीएससी का लॉगइन पासवर्ड समेत सिस्टम कब्जे में ले लिए हैं। सूत्रों के मुताबिक जिस मात्रा में ब्लैंक कार्ड बरामद हुए हैं, उससे एसटीएफ को साल 2014 में खुले इस सेंटर में हजारों इस तरह के कार्ड बनाने का अंदेशा है।

मामले की छानबीन में जुटी पुलिस 

एसटीएफ के दारोगा नरोत्तम बिष्ट की ओर से आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की 420, 467, 468, 471 धाराओं में केस दर्ज कराया गया है। ये धाराएं धोखाधड़ी, नकली दस्तावेज बनाने की हैं। पुलिस टीम मामले की हर एंगल से जांच कर रही है। जनसेवा केंद्र से 640 ब्लैंक प्लास्टिक कार्ड, 200 लेमिनेशन कवर (कार्ड), 28 वोटर आईडी, 68 आधार कार्ड, 17 पैनकार्ड, सात आयुष्मान कार्ड, एक मुहर, एक मुहर पैड, 12,500 रुपये नकद और इलेक्ट्रॉनिक सामान बरामद किया गया है।

फर्जी पहचान पत्रों के साथ पकड़े जा चुके हैं विदेशी

ऋषिकेश में पहले भी कई विदेशी नागरिक फर्जी आईडी के साथ पकड़े जा चुके हैं। अगस्त में आठ सालों से छिपकर रह रही एक बांग्लादेशी महिला पकड़ी गई थी। एसटीएफ के मुताबिक, प्रधान या बीडीसी की फर्जी मुहर का इस्तेमाल कर पहले वोटर आईडी कार्ड बनाया जाता था। इसके बाद आधार कार्ड को ये शातिर बनाते थे। गढ़वाल क्षेत्र के इलाकों का वोटर आईडी ज्यादा बनने का मामला सामने आया है। विस्तृत जांच में कई गंभीर खुलासे होने की आशंका है।

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