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निजी प्रकाशकों की किताबें 7 गुना तक महंगी

नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने के साथ ही निजी स्कूलों की मनमानी बढ़ने लगी है। सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड से जुड़े स्कूलों में किताबों के दाम से अभिभावक काफी परेशान हैं। यह किताबें एनसीईआरटी की किताबों से...

लाइव हिन्दुस्तान, देहरादून | सुमित थपलियाल Tue, 9 April 2019 12:57 PM
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नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने के साथ ही निजी स्कूलों की मनमानी बढ़ने लगी है। सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड से जुड़े स्कूलों में किताबों के दाम से अभिभावक काफी परेशान हैं। यह किताबें एनसीईआरटी की किताबों से सात गुना तक महंगी मिल रही हैं। कई स्कूलों और दुकानों की मिलीभगत के बीच अभिभावक पिस रहे हैं।

नियमों की हो रही अनदेखी : पिछले साल सरकार ने सीबीएसई से जुड़े स्कूलों को अनिवार्य रूप से एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू करने के निर्देश दिए थे। शिक्षा विभाग की ओर से जांच टीम के साथ ही शिकायत प्रकोष्ठ का भी गठन किया गया। हालांकि बाद में निजी स्कूलों ने सरकार को इस  बात से गुमराह करने की कोशिश की कि वह एनसीईआरटी के साथ ही कुछ किताबें निजी पाठ्यक्रम की लगाएंगे। इन किताबों की कीमत एनसीईआरटी की किताओं से ज्यादा नहीं होगी, लेकिन इस बहाने स्कूलों ने अपनी मनमानी शुरू कर दी। इसका असर इस बार एडमिशन लेने वाले छात्रों के अभिभावकों पर पड़ रहा है। 

कक्षा                      एनसीईआरटी        निजी प्रकाशक
कक्षा एक                 230                   1450-1610    
कक्षा दो और तीन     300                    1730-2270    
चार से आठ             300 -850            1570-4600
नौवीं से 12              1050-1130         5480-5970
नोट: इन किताबों का मूल्य अभिभावकों और दुकानदारों से लिया गया है।

 
एनसीईआरटी किताबों के बजाए निजी प्रकाशकों की किताबें मंगवाने की शिकायत मिली हैं, इनकी जांच की जा रही है। खंड शिक्षा अधिकारियों को औचक निरीक्षण कर जांच करने और उन पर कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।      
आशा रानी पैन्यूली, मुख्य शिक्षा अधिकारी
 
 
स्कूल प्रबंधन अभिभावकों को परेशान कर रहे हैं। शिक्षा विभाग के नियमानुसार स्कूल एनसीईआरटी के अलावा निजी प्रकाशकों की उन्हीं किताबों को लगा सकते हैं, जिनके रेट एनसीईआरटी की किताबों के बराबर हों, लेकिन स्कूल नियमों की अनदेखी कर रहे हैं। 
नीरज सिंघल, अध्यक्ष, ऑल उत्तराखंड पेरेंट्स एसोसिएशन
 
 

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