निजी प्रकाशकों की किताबें 7 गुना तक महंगी
नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने के साथ ही निजी स्कूलों की मनमानी बढ़ने लगी है। सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड से जुड़े स्कूलों में किताबों के दाम से अभिभावक काफी परेशान हैं। यह किताबें एनसीईआरटी की किताबों से...
नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने के साथ ही निजी स्कूलों की मनमानी बढ़ने लगी है। सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड से जुड़े स्कूलों में किताबों के दाम से अभिभावक काफी परेशान हैं। यह किताबें एनसीईआरटी की किताबों से सात गुना तक महंगी मिल रही हैं। कई स्कूलों और दुकानों की मिलीभगत के बीच अभिभावक पिस रहे हैं।
नियमों की हो रही अनदेखी : पिछले साल सरकार ने सीबीएसई से जुड़े स्कूलों को अनिवार्य रूप से एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू करने के निर्देश दिए थे। शिक्षा विभाग की ओर से जांच टीम के साथ ही शिकायत प्रकोष्ठ का भी गठन किया गया। हालांकि बाद में निजी स्कूलों ने सरकार को इस बात से गुमराह करने की कोशिश की कि वह एनसीईआरटी के साथ ही कुछ किताबें निजी पाठ्यक्रम की लगाएंगे। इन किताबों की कीमत एनसीईआरटी की किताओं से ज्यादा नहीं होगी, लेकिन इस बहाने स्कूलों ने अपनी मनमानी शुरू कर दी। इसका असर इस बार एडमिशन लेने वाले छात्रों के अभिभावकों पर पड़ रहा है।
कक्षा एनसीईआरटी निजी प्रकाशक
कक्षा एक 230 1450-1610
कक्षा दो और तीन 300 1730-2270
चार से आठ 300 -850 1570-4600
नौवीं से 12 1050-1130 5480-5970
नोट: इन किताबों का मूल्य अभिभावकों और दुकानदारों से लिया गया है।
नीरज सिंघल, अध्यक्ष, ऑल उत्तराखंड पेरेंट्स एसोसिएशन
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