चिंताजनक: कोरोना मरीजों के इलाज से बच रहे हैं प्राइवेट अस्पताल, वायरस की पुष्टि पर मरीज रेफर
राज्य के प्राइवेट अस्पताल कोरोना मरीजों का इलाज करने से बच रहे हैं। प्राइवेट अस्पतालों को भर्ती मरीजों को कोरोना होने पर इलाज की छूट दी गई थी। लेकिन मरीजों का इलाज करने की बजाए उन्हें सरकारी...
राज्य के प्राइवेट अस्पताल कोरोना मरीजों का इलाज करने से बच रहे हैं। प्राइवेट अस्पतालों को भर्ती मरीजों को कोरोना होने पर इलाज की छूट दी गई थी। लेकिन मरीजों का इलाज करने की बजाए उन्हें सरकारी अस्पतालों में रेफर कर रहे हैं। इससे गंभीर मरीजों की जान खतरे में पड़ रही है।
सरकार ने 21 जुलाई को आदेश किया था कि प्राइवेट अस्पताल अपने यहां पहले से भर्ती मरीजों को कोरोना होने पर इलाज कर सकते हैं। इसके लिए अस्पतालों को सुविधाओं के आधार पर शुल्क लेने की भी छूट दी गई थी।
लेकिन आधा महीना बीतने के बावजूद अभी तक सरकार के आदेश का पूरी तरह से पालन नहीं हो पा रहा है। अधिकांश प्राइवेट अस्पताल मरीजों को गंभीर स्थिति में सरकारी अस्पताल रेफर कर रहे हैं जिससे मरीजों की जान जोखिम में पड़ रही है।
राज्य में राजधानी देहरादून और हल्द्वानी सहित मैदानी क्षेत्रों में कई ऐसे अस्पताल हैं जिनमें पर्याप्त सुविधाएं हैं और कोरोना मरीजों का आसानी से इलाज किया जा सकता है। लेकिन अस्पताल ऐसा करने से बच रहे हैं। इससे सरकार के कोविड अस्पतालों पर दबाव बढ़ने के साथ ही मरीजों की परेशानी भी बढ़ रही है।
दून के आईसीयू में पचास प्रतिशत रेफरल मरीज : राज्य के सबसे बड़े कोविड अस्पताल दून के आईसीयू में आधे मरीज प्राइवेट अस्पतालों से रेफर होकर आए हैं।
दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ आशुतोष सयाना ने बताया कि अस्पताल के आईसीयू में इस समय 22 मरीज भर्ती हैं जिसमें से आधे के करीब रेफर होकर आए हैं। आठ से दस दिनों में यह मरीज यहां भर्ती कराए गए हैं। इधर हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में भी प्राइवेट अस्पतालों से मरीजों रेफर होकर आ रहे हैं। एसजीएच के एमएस डॉ अरुण जोशी ने बताया कि इस हफ्ते एक मरीज को प्राइवेट से रेफर किया गया है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।