हाईकोर्ट की सख्ती के बाद एक्शन में पुलिस, नैनीताल आ रहे पर्यटकों को लौटाया गया
कोविड नियमों का पालन नहीं कराने और पर्यटकों की भीड़ को लेकर उत्तराखंड हाईकोर्ट की फटकार के बाद पुलिस और प्रशासन हरकत में आ गया है। गुरुवार को नैनीताल आ रहे सैकड़ों लोगों को कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट...
कोविड नियमों का पालन नहीं कराने और पर्यटकों की भीड़ को लेकर उत्तराखंड हाईकोर्ट की फटकार के बाद पुलिस और प्रशासन हरकत में आ गया है। गुरुवार को नैनीताल आ रहे सैकड़ों लोगों को कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट नहीं होने के कारण वापस कर दिया गया। पुलिस के अनुसार दोपहर तक ही नैनीताल आ रहे 117 वाहनों को लौटाया गया है।
एसएसपी प्रीति प्रियदर्शिनी ने बताया कि हमने कोरोना संक्रमण रोकने के लिए अलर्ट जारी किया है। पुलिस को हिदायत दी गई है कि बिना कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट किसी पर्यटक को जिले में प्रवेश नहीं दिया जाए। पिछले कुछ हफ्तों से पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ी है। खासकर छोटे हिल स्टेशनों पर वीक एंड में पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ी है।
नैनीताल पुलिस ने नैनीताल की चेकपोस्ट पर अभियान चलाया हुआ है। एमबीआर बैरियर चोरगलिया, हल्द्वानी में बेल बाबा बैरियर, लालकुआं बैरियर, रामनगर में पीरुमदरा बैरियर, कालाढुंगी में गडप्पू बैरियर, नैनीताल की सीमा से लगे भोवाली में क्वाराब बैरियर पर सख्ती से चेकिंग शुरू कर दी गई है।कहा कि इस दौरान नैनीताल आ रहे 579 वाहनों में सवार 1680 लोगों की जांच की गई। इसमें से 117 वाहनों में सवार 350 लोगों के पास कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट नहीं थी। ऐसे लोगों को चेकपोस्ट से ही वापस कर दिया गया।
इससे पहले बुधवार को हाईकोर्ट ने कोविड नियमों के उल्लंघन पर सरकार के साथ स्थानीय प्रशासन को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि नैनीताल प्रदेश की न्यायिक राजधानी है, इसके बावजूद यहां पर्यटन की आड़ में कोविड गाइड लाइन का उल्लंघन हो रहा है। प्रदेश के बाकी पर्यटन स्थलों का भी यही हाल है। आखिर शासन-प्रशासन कहां सोया हुआ है? कोर्ट ने सरकार की ओर से कोरोना कर्फ्यू खोलने पर चिंता जताई और वीकएंड पर जुट रही भीड़ और पर्यटकों को दी गई छूट पर पुनर्विचार करने को कहा है। नैनीताल हाईकोर्ट में बुधवार को कोरोना के दौरान प्रदेश की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर दायर 10 से अधिक जनहित याचिकाओं पर मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान और न्यायमूर्ति आलोक वर्मा की खंडपीठ में सुनवाई हुई।
कोर्ट ने राज्य सरकार से 28 जुलाई तक कोविड पर विभिन्न निर्देशों के साथ विस्तृत शपथ पत्र पेश करने को कहा है। बुधवार को सुनवाई के दौरान नवनियुक्त मुख्य सचिव, स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी, पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर, अपर सचिव डॉ.आशीष चौहान वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए खंडपीठ के समक्ष पेश हुए। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर भारी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं। यहां कोविड नियमों का कतई अनुपालन नहीं किया जा रहा है। इस दौरान सरकार की व्यवस्थाएं धराशायी हो गई हैं। अदालत ने यह भी पूछा कि सरकार बताए कि पर्यटन-कोविड सुरक्षा में सामंजस्य बिठाने के लिए क्या रणनीति बना रही है?
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