भूस्खलन-बादल फटने पर पहाड़ के जख्मों पर मरहम, आपदा राहत के लिए 86 करोड़; बजट 3.0 में उत्तराखंड के लिए और क्या?
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में पेश बजट में उत्तराखंड के लिए उम्मीद का झरोखा खोला। आपदा राहत के लिए वित्त मंत्री ने स्पष्ट प्रावधान करने का ऐलान किया। उत्तराखंड को लाभ होगा।
उत्तराखंड में भूस्खलन और बादल फटने जैसी आपदा से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने पहली बार बजट में प्रावधान कर दिया है। मंगलवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में यह घोषणा की। प्रारंभिक राशि के रूप में उत्तराखंड को 86 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
सीतारमण ने लोकसभा में पेश बजट में उत्तराखंड के लिए उम्मीद का झरोखा खोला। आपदा राहत के लिए वित्त मंत्री ने स्पष्ट प्रावधान करने का ऐलान किया। केंद्र सरकार की नौ प्राथमिकताओं में भी राज्य के लिए संभावनाएं नजर आ रही हैं।
सबसे महत्वपूर्ण पहलू कृषि और उद्योग से जुड़ा है। एमएसएमई सेक्टर में गारंटी मुक्त लोन के लिए स्ववित्त गारंटी योजना उद्यमियों के लिए लाभदायक साबित हो सकती है। इस योजना के लागू होने से नया स्टार्टअप या उद्यम स्थापित करने के लिए उन्हें आर्थिक मुश्किलों से नहीं जूझना पड़ेगा।
योजना में बैंकों से आसानी से लोन मिल सकता है। इसके साथ ही मुद्रा लोन की सीमा भी 20 लाख रुपये होने का लाभ राज्य के छोटे उद्यमी उठा सकते हैं। प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नतग्राम अभियान के तहत देश के 63 हजार गांवों को लिया जाएगा।
इन गांवों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जाना है। करीब पांच करोड़ लोगों को इस योजना का लाभ मिलेगा। उत्तराखंड के चमोली, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, यूएसनगर में जनजातीय आबादी है।
राज्य में प्राकृतिक खेती का दायरा बढ़ सकता है
बजट में कृषि पर जिस प्रकार फोकस किया गया है उससे उत्तराखंड में भी कृषि सेक्टर में भी बदलाव की उम्मीद है। खासकर प्राकृतिक खेती कायरा तीन गुना तक बढ़ सकता है। दो साल में देश के एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने का लक्ष्य है। उत्तराखंड दो साल पहले इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर चुका है।
पहाड़ के जख्मों पर मरहम
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने उत्तराखंड के लिए आपदा मद में बजट का प्रावधान करके पहाड़ के जख्मों पर मरहम लगाया। मंगलवार को बजट पेश करते हुए उन्होंने इसका ऐलान किया। उत्तराखंड की वे सात उम्मीदें पूरी नहीं हो पाईं, जिनकी राज्य की ओर से पैरवी की गई। राज्य सरकार का कहना है कि विस्तृत बजट का इंतजार किया जाना चाहिए।
विपक्ष ने बजट में राज्य की उपेक्षा का आरोप जड़ा है। पिछले साल 2023024 के बजट से राज्य के बजट में करीब ढाई हजार करोड़ बढ़ोतरी हुई थी। स्वास्थ्य क्षेत्र का विकास हुआ। पहाड़ी राज्य होने के कारण मानसून सीजन में भूस्खलन और प्राकृतिक आपदा के कारण भारी नुकसान होता है। इस बार बजट में प्रावधान होने से राज्य सरकार लोगों की सीधा और जल्द मदद मुहैया करवा सकेगी।
यह तरक्की का नहीं, बल्कि केंद्र सरकार को बचाने का बजट है। यह सरकार की कमजोरी, अस्थिरता का उदाहरण है। देश को आगे बढ़ाने की कोई घोषणा बजट में नहीं हुई। अर्थव्यवस्था और रोजगार की सेहत को सुधारने के कोई इंतजाम नहीं हैं।
यशपाल आर्य, नेता प्रतिपक्ष
यह दूरदर्शी, समावेशी, सर्वस्पर्शी और सर्वग्राही है। यह सभी वर्गों के हितों की पूर्ति करेगा। यह प्रधानमंत्री के विजन विकसित भारत2047 को सार्थक करने में सहायक होगा। उत्तराखंड को आपदा विशेष पैकेज से लाभ मिलेगा।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री
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