केदारनाथ-बदरीनाथ, यमुनोत्री चार धाम यात्रा नहीं आसान, 26 तीर्थ यात्रियों ने गंवाई जान; हेल्थ को लेकर ऐसे रहें सावधान
उत्तराखंड चार धाम यात्रा 2023 पर देश-विदेश से तीर्थ यात्री दर्शन को पहुंच रहे हैं। उत्तराखंड खराब मौसम पूर्वानुमान में अलर्ट के बावजूद भी आस्था पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। 26 तीर्थ यात्री की मौत हुुई।
Uttarakhand Char Dham Yata 2023: उत्तराखंड चार धाम यात्रा 2023 पर देश-विदेश से तीर्थ यात्री दर्शन को पहुंच रहे हैं। उत्तराखंड खराब मौसम पूर्वानुमान में अलर्ट के बावजूद भी आस्था पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। लेकिन, चिंता की बात है कि केदारनाथ- बदरीनाथ, यमुनोत्री सहित चारों धामों में दर्शन के दौरान तीर्थ यात्रियों की जान जा रही है।
तीर्थ यात्रियों की अभी तक हार्ट अटैक, सांस लेने में दिक्कत, आपदा की वजह से मौत हो रही है। चारों धामों में दर्शन को पहुंचे 26 तीर्थ यात्रियों की जान जा चुकी है। ऐसे में अब एमपी, यूपी, दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान आदि राज्यों से आने वाले तीर्थ यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे सफर के दौरान सतर्क रहें।
साथ ही यात्रा पर जाने पर अपनी सभी जीवन रक्षक दवाओं को साथ लेकर ही चलें। यमुनोत्री में 10, गंगोत्री में छह, केदारनाथ में सात, जबकि बदरीनाथ में तीन श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। विदित है कि बीते साल चारधाम यात्रा के दौरान 250 के करीब तीर्थयात्रियों की मौत हुई थी।
इसे देखते हुए इस बार सरकार ने 55 से अधिक उम्र के लोगों के लिए बीमारी की जानकारी देने के साथ ही स्क्रीनिंग फार्म भरना अनिवार्य कर दिया है। आपको बता दें कि गंगोत्री धाम के कपाट 22 अप्रैल को दर्शनार्थ खोले गए थे। केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल, और बदरीनाथ धाम के कपाट 27 को खोले गए थे।
गंगोत्री-यमुनोत्री में अब तक 15 श्रद्धालुओं की मौत
गंगोत्री और यमुनोत्री धाम यात्रा रूटों पर अब तक 15 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। इनमें अधिकांश श्रद्धालुओं की मौत सांस संबंधी समस्या के कारण हुई है। जबकि पहाड़ी से गिरे पत्थरों के कारण भी यात्रियों ने अपनी जान गंवाई है। गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में भारी संख्या में श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए पहुंचने का सिलसिला जारी है।
इस बीच धामों में स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों के कारण यात्रियों की मौत का आंकड़ा भी लगातार बढ़ता जा रहा है। यमुनोत्री धाम यात्रा पर 9 श्रद्धालु अब तक जान गंवा चुके हैं, जबकि गंगोत्री धाम यात्रा रूटों पर छह श्रद्धालुओं की मौत हुई है। अब तक तीन महिला यात्री समेत 15 तीर्थयात्री जान गंवा चुके हैं।
यमुनोत्री धाम में सांस की दिक्कत के चलते अधिकांश यात्रियों ने जान गंवाई है। यमुनोत्री धाम को जाने वाले पैदल मार्ग की खड़ी चढ़ाई पर यात्रियों का दम फूल रहा है। तमाम स्वास्थ्य सुविधाएं होने के बावजूद यात्री यहां दम तोड़ रहे हैं। खराब मौसम के बीच पहाड़ी से गिर रहे पत्थर के कारण भी एक महिला ने यमुनोत्री यात्रा रूट पर जान गंवाई। जबकि एक यात्री का चलते हुए पत्थर पर पैर टकराने से दम तोड़ दिया।
देखा जाए तो जान गंवाने वाले नौ यात्री 60 वर्ष की उम्र से अधिक के थे। चारधाम यात्रा पर अब तक महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात के सबसे ज्यादा यात्रियों की मौत हुई है। सीएमओ डॉ. आरसीएस पंवार का कहना है कि दोनों धाम सहित यात्रा रूटों पर यात्रियों का लगातार स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। अनफिट होने पर कई यात्रियों को दर्शन करने से भी मना किया जा रहा है।
चार धाम यात्रा पर जाने से पहले हेल्थ स्क्रीनिंग फॉर्म भरना अनिवार्य
बदीनाथ-केदारनाथ, गंगोत्री सहित चारों धामों पर जाने वाले यूपी, दिल्ली-एनसीआर, एमपी सहित देश के अन्य राज्यों से आने वाले तीर्थ यात्रियों को बीमारी के बारे में पूरी जानकारी देना अनिवार्य किया गया है। चार धाम यात्रा पर 55 साल से अधिक उम्र वालों के लिए बीमारियों के बारे में जानकारी देना अनिवार्य किया गया है।
इन बीमारियों की जानकारी देना अनिवार्य : हेल्थ स्क्रीनिंग फॉर्म में यात्री को नाम, उम्र, मोबाइल नंबर, लम्बाई, वजन के अलावा रक्तचाप, अस्थमा, शूगर, हृदय रोग, सांस में तकलीफ और प्रेग्नेंसी की जानकारी देनी होगी।
दिल, सांस व बुजुर्गों को होती है सबसे ज्यादा परेशानी
उत्तराखंड में केदारनाथ, बदरीनाथ सहित चारों धाम समुद्र तल से काफी ऊंचाई पर स्थित हैं। ऐसे में देश-विदेश से आ रहे श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य से संबंधित परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऊंचाई वाले इलाकों में ऑक्सीजन की कमी की वजह से विशेषकर दिल, सांस और बुजुर्गों की परेशानी भी बढ़ जाती है।
चारधाम यात्रा के दौरान इन बातों का रखें ख्याल
-चारधाम यात्रा के लिए कम से कम सात दिन का टूर बना सकते हैं।
-जरूरी दवाएं, स्वास्थ्य उपकरण और गर्म कपड़े अनिवार्य रूप से अपने साथ रखें।
-चारधाम यात्रा पर निकलने से पहले प्रत्येक दिन 10 मिनट तक सांस से जुड़े व्यायाम करें।
-कुछ दिनों तक लोग 30 घंटे तक टहलें या सैर पर निकलें।
-चारधाम आने से पहले डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर की मनाही पर इस यात्रा पर आने से बचें।
-चारधाम का मौसम संबंधी अपडेट लेते रहें। साथ ही, यात्रा रूट पर बने हेल्थ पोस्ट की जानकारी रखें।
-सांस में दिक्कत, बात करने में कठिनाई, लगातार खांसी, उल्टी, चक्कर और त्वचा ठंडी होने पर डॉक्टर को जरूर दिखाएं।
-शराब, कैफीनयुक्त ड्रिंक्स, नींद की गोलियां, धूम्रपान, शक्तिशाली दर्द निवारक दवाओं का सेवन न करें।
-चारधाम यात्रा के दौरान कम से कम दो लीटर तरल पदार्थ पीएं और भरपूर पौष्टिक आहार भी लें।
केदारनाथ के लिए 15 मई तक नए पंजीकरण पर रोक
केदारनाथ दर्शन के लिए श्रद्धालुओं के नए पंजीकरण पर 15 मई तक रोक लगा दी गई है। खराब मौसम और भीड़ नियंत्रण को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। धाम में दर्शन के लिए रोजाना 23 हजार से अधिक श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। अपर निदेशक योगेश गंगवार ने नए पंजीकरण पर रोक लगाने की पुष्टि की है। केदारनाथ धाम में खराब मौसम से 25 अप्रैल से नए पंजीकरण पर रोक लगाई गई। इसे चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ाया जा रहा है।
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