भारत-चीन बॉर्डर पर आसमान से बरसी आफत, भूस्खलन के बाद सीमा पर बसे गांवों का 60 दिन से संपर्क कटा; फंसे यात्री
भारत चीन सीमा के 17 गांवों का देश से 60 दिन से अधिक समय से सड़क संपर्क कटा हुआ है। तवाघाट दारमा सड़क स्खलन के कारण के बंद रहने से घाटी के गांवों में सीजन में पर्यटन कारोबार चौपट हो गया है।
भारत चीन सीमा के 17 गांवों का देश से 60 दिन से अधिक समय से सड़क संपर्क कटा हुआ है। तवाघाट दारमा सड़क स्खलन के कारण के बंद रहने से घाटी के गांवों में सीजन में पर्यटन कारोबार चौपट हो गया है। बंद सड़क के कारण वहां के गांवों में आटा, चावल, दाल के साथ जरुरी वस्तुओं का संकट गंभीर हो गया है।
5 हजार से अधिक की आबादी के साथ माइग्रेशन पर गए लोगों, सुरक्षा बलों के जवानों को भी इस सड़क के बंद रहने से कई तरह की परेशानी झेलनी पड़ रही है। चीन सीमा के गांवों के साथ ही पंचाचूली बेस कैंप के साथ ही दारमा घाटी के पर्यटन स्थलों को जोड़ने वाली तवाघाट दारमा सड़क दो माह से अधिक समय से दो जगह पूरी तरह से बंद है।
सोबला में ब्रिज टूटा है जबकि दर में सड़क 50 मीटर से अधिक हिस्से में पूरी तरह से साफ हो गई है। इस सड़क के बंद हो जाने से पर्यटक वहां नहीं जा पा रहे हैं। इससे होम स्टे सहित पर्यटन कारोबार से आजीविका चला रहे लोग परेशान हैं।
स्थानीय लोगों ने बताया कि माइग्रेशन गांवों के लोगों को अब आटा, चावल, दाल, ताजे फलों के साथ ही वहां जरुरी सामान का संकट होने लगा है। सीमा की अग्रिम चौकियों में तैनात सुरक्षा कर्मियों को भी कई तरह की परेशानी हो रही है। सड़क बंद होने से नियमित जांच के लिए बीमारों को लोग अपने गांव से अस्पताल तक नहीं ला पा रहे हैं।
जान हथेली पर रख कर मजबूरी में कर रहे आवाजाही दारमा घाटी के गांवों को जोड़ने वाली सड़क के बंद रहने से लोग बदहाल रास्तों से किसी तरह जान हथेली में रख आवाजाही कर रहे हैं। दो जगह वाहन बदलकर भी लोग आवाजाही की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए कई बार उन्हें अपने जीवन को मुसीबत में डाल पैदल भी चलना पड़ रहा है।
पिथौरागढ़ में 9 सड़कें बंद , 30 हजार की आबादी परेशान
पिथौरागढ़ जनपद में 9 से अधिक सड़कें 30 दिनों से बंद हैं। जिससे यहां लोगों को कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सीमांत के लोगों को बंद सड़कें सबसे अधिक दर्द दे रही हैं। छिरकिला जम्कू सड़क 14 जुलाई से बंद है, इस पर कब यातायात बहाल होगा कोई बताने वाला नहीं है ।5 मई से तवाघाट थानीधार सड़क पर वाहनों की आवाजाही ठप है।
डीडीहाट आदिचौरा हुनेरा सड़क भी 23 मई से बंद है। मदकोट तोमिक सड़क 28 अगस्त से बंद है। बांसबगड़ कोटा पन्द्रहपाला सड़क पर 1 सितंबर के बाद वाहनों की आवाजाही नहीं हो सकी है है। सिंगाली बस्तड़ी सड़क भी 15 सितंबर से बंद है।जिससे क्षेत्र के कई गांवों के लोग परेशान हैं। 21 सितंबर से देवीचौरान- खेतार कन्याल व इसी दिन से मदकोट कोटी कन्याल सड़क भी बंद है।
इन गांवों के लोगों को हो रही है दिक्कत
तिजम , दर, बोगलिंग, सेला, नागलिंग, बालिंग, दुग्तू, सौन, फिलम, बौन, दातूं, गो, ढाकर, तिदांग, मार्छा, सीपू से सीपू तक
21 दिन से टूटा हुआ है सोबला में पुल
दर को जोड़ने वाला सोबला ब्रिज 21 दिन से टूटा है। इसे बनाने के लिए अभी तक कोई प्रयास नहीं किए गये हैं। दुग्तू के प्रकाश दुग्ताल ने बताया कि 50 मीटर से अधिक सड़क पूरी तरह से बह गई है। जिससे रोगियों को सर्वाधिक परेशानी हो रही है। जरुरी सामान भी गांवों में नहीं पहुंच पा रहा है। माइग्रेशन से वापसी भी मुश्किल हो गई है।
जाजरदेवल-नैनीसैनी सड़क की बदहाली से रोष
पिथौरागढ़ के जाजरदेवल-नैनीसैनी सड़क की बदहाली से ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क में जगह-जगह बने गड्ढे दुर्घटना को दावत दे रहे हैं, बावजूद इसके सड़क सुधारीकरण को लेकर कोई पहल नहीं हो रही है। शुक्रवार को जाजरदेवल-नैनीसैनी के लोगों ने कलक्ट्रेट पहुंचकर आक्रोश जताया।
इस दौरान उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षो से जाजरदेवल से नैनीसैनी को जोड़ने वाली सड़क की स्थिति दयनीय बनी हुई है। कहा कि बारिश के दौरान गड्ढों में पानी भर जाने से लोग पैदल आवाजाही तक नहीं कर पाते हैं। आमजन को रही दिक्कत को देखते हुए उन्होंने छह से सात बार विभागीय अधिकारियों को ज्ञापन दिया। लेकिन अब तक सड़क की हाल जस के तस बनी हुए हैं।
सड़क बंद होने से रोगियों को अस्पताल लाना मुश्किल हो गया है। खाद्यान्न सामग्री का प्रबंध करना कठिन हो गया है।
कुंवर सिंह, बौगलिंग।
कई बार सड़क खोलने की मांग कर चुके हैं। इसके बाद भी हमारी कोई नहीं सुन रहा है। माइग्रेशन गांवों के लोग परेशान हैं और जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित होने से खासी परेशानी झेल रहे हैं।
दिनेश सिंह बंग्याल, बालिंग।
सड़क 60 दिन से अधिक समय से पूरी तरह से बंद है। पर्यटन कारोबार पूरी तरह से चौपट हो गया है। जरुरी वस्तुओं, खाद्यान्न के संकट के साथ वापसी के लिए भी मुश्किल हो रही है। सीपीडब्ल्यूडी से बीआरओ को यह सड़क देने की कवायद के काम खोलने का काम गंभीरता से नहीं किया जा रहा है। यह ठीक नहीं है।सड़क शीघ्र खोली जाए।
जयेन्द्र फिरमाल, अध्यक्ष दारमा होम स्टे एसोसिशन-।
सड़क बंद है। खाद्यान्न सामग्री पहुंचाना कठिन हो गया है। ऐसे में माइग्रेशन गांवों से वापसी कैसे होगी यही चिंता सता रही है।
दिनेश चलाल, चल।
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