बाबा केदार के दर पर सबसे ज्यादा 23 मौतें, चारधाम पर 52 भक्तों की गई जान; ये रखें सावधानी
चारधाम यात्रा रूट पर ज्यादात्तर मौतें हार्ट अटैक से हुई हैं। हेल्थ स्क्रीनिंग के दौरान ही ऐसे लोगों को यात्रा करने से मना कर दिया जाता है। अपने रिस्क पर यात्रा करने वालों से फॉर्म भरवाया जा रहा है।
उत्तराखंड चारधाम यात्रा का शुभारंभ होने के साथ ही भारी संख्या में तीर्थ यात्री भगवान के दर्शन करने को पहुंच रहे हैं। यूपी, गजरात, एमपी, राजस्थान आदि राज्यों से भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ चुका है। लेकिन, चिंता की बात है कि चारधाम यात्रा के दौरान तीर्थ यात्रियों की मौत भी हो रही है।
10 मई से शुरू चारधाम यात्रा में अब तक 52 भक्तजनों की की जान जा चुकी है। चारों धामों में से सबसे ज्यादा मौतें तीर्थ यात्रियों की केदारनाथ धाम के दर्शन को जाते वक्त हो रही है। केदारनाथ धाम को जाते वक्त अब तक 23 तीर्थ यात्रियों की जान जा चुकी है।
जबकि, गंगोत्री में तीन, यमुनोत्री में 12 और बदरीनाथ धाम में 14 लोगों की मौतें हुईं हैं। जिनकी मौत हुई है, उनमें अधिकतर की उम्र 60 वर्ष से अधिक की थी। ज्यादात्तर मौतें हार्ट अटैक से हुई हैं। हेल्थ स्क्रीनिंग के दौरान ही ऐसे लोगों को यात्रा करने से मना कर दिया जाता है। अपने रिस्क पर यात्रा करने वालों से फॉर्म भरवाया जा रहा है।
50 साल से ज्यादा उम्र वालों की स्वास्थ्य जांच पर विशेष फोकस
चारधाम यात्रा के शुरुआत पड़ाव में ही तीर्थ यात्रियों के हेल्थ स्क्रीनिंग पर विशेष फोकस दिया जाता है। सरकार ने तीर्थ यात्रियों की स्वास्थ्य जांच करने के सख्त निर्देश दिए हैं। जिन भी तीर्थ यात्रियों की उम्र 50 वर्ष से अधिक हैं, उन श्रद्धालुओं पर विशेषतौर से फोकस किया गया है। इसके साथ ही दिल और सांस के मरीजों को अधिक पैदल यात्रा करने से बचने की सलाह भी दी गई है।
2023 में 200 से ज्यादा मौतें
चारधाम यात्रा के दौरान पिछले साल 2023 में 200 से ज्यादा तीर्थ यात्रियों को अपनी जान से हाथ गवाना पड़ा था। सभी मौतों में से सबसे ज्यादा मौतें 120 तीर्थ यात्रियों की जान केदारनाथ धाम के दर्शन को जाते वक्त हुई थी। जबकि, बद्रीनाथ धाम रूट पर 46, गंगोत्री धाम रूट पर 30 और यमुनोत्री धाम रूट पर 39 श्रद्धालुओं की जान गई थी। इसके अलावा, हेमकुंड साहिब यात्रा पर नौ तीर्थ यात्रियों की जान गई थी।
चारधाम यात्रा रूट पर पल-पल बदलता मौसम
उत्तराखंड चारधाम यात्रा रूट पर पल-पल मौसम बदलता रहता हैं। विदित हो कि चारों धाम ऊचांई पर स्थित हैं। ऐसे में मौसम में बदलाव होने के साथ ही तीर्थ यात्रियों को सांस लेने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। पर्वतीय जिलों में स्थित चारधाम यात्रा रूट होने की वजह से विषम परिस्थितियों में यात्रा करनी पड़ती है। तीर्थ यात्रियों को अपनी स्वास्थ्य का ख्याल रखना भी बहुत जरूरी होता है।
दिल, सांस व बुजुर्गों को होती है सबसे ज्यादा परेशानी
उत्तराखंड में केदारनाथ, बदरीनाथ सहित चारों धाम समुद्र तल से काफी ऊंचाई पर स्थित हैं। ऐसे में देश-विदेश से आ रहे श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य से संबंधित परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऊंचाई वाले इलाकों में ऑक्सीजन की कमी की वजह से विशेषकर दिल, सांस और बुजुर्गों की परेशानी भी बढ़ जाती है।
चारधाम यात्रा के दौरान इन बातों का रखें ख्याल
-चारधाम यात्रा करने से पहले प्रारंभिक स्वास्थ्य जांच जरूर कराएं
-जीवनरक्षक दवाएं साथ लेकर ही यात्रा पर जाएं
-गर्म कपड़ें अवश्य अपने साथ रखें
-केदारनाथ-बदरीनाथ चारधाम यात्रा के लिए कम से कम सात दिन का टूर बनाएं
-चारधाम यात्रा पर जाने से पहले हररोज 10 मिनट तक सांस से जुड़े व्यायाम करें
-यात्रा पर जाने से पहले टहलें या सैर करने की आदत अवश्य डालें
-चारधाम पर मौसम संबंधी अपडेट जरूर रखें
-यात्रा रूट पर हेल्थ पोस्ट की जानकारी रखें
-सांस लेने में दिक्कत, बात करने में कठिनाई, खांसी, उल्टी, चक्कर आने पर डॉक्टर से परामर्श करें
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