हरिद्वार में गंगा नदी के किनारे बस गईं कई बस्तियां, अब हो रहा जान का खतरा
हरिद्वार में तीन दशक में गंगा के किनारे नौ से अधिक कॉलोनियां बन गईं। नदी ही नहीं बल्कि नालों के किनारे भी कंक्रीट के जंगल बना दिए गए। कई जगह नालों पर कब्जा हो गया।
हरिद्वार में तीन दशक में गंगा के किनारे नौ से अधिक कॉलोनियां बन गईं। नदी ही नहीं बल्कि नालों के किनारे भी कंक्रीट के जंगल बना दिए गए। कई जगह नालों पर कब्जा हो गया। यूपी सिंचाई विभाग ने बीते दिनों नौ कॉलोनियों को नोटिस जारी कर अवैध बताया है। ज्वालापुर क्षेत्र में गंगनहर किनारे गोदाम से लेकर कारखाने तक चल रहे हैं। लेकिन इन पर कार्रवाई नहीं हो पाती है।
हरिद्वार में नदी-नालों के किनारे पुल जटवाड़ा से उत्तरी हरिद्वार तक सोनिया बस्ती, लाल मंदिर बस्ती, राजीव नगर, बैरागी कैंप सहित करीब नौ से ज्यादा कालोनियां बसी हुई हैं। इसमें करीब 1200 से अधिक मकान बने हैं, 600 से अधिक मकान अकेले बैरागी कैंप में ही हैं।
कई बार टीम अतिक्रमण को हटाने पहुंच चुकी है, लेकिन मामला हाईकोर्ट में चल रहा है। गंगनहर के किनारे बड़ी संख्या में होटल और धर्मशालाएं बनी हुई हैं। कई जगह नदी किनारे लोगों ने पक्के निर्माण कर लिए हैं। गंगा और गंगनहर के किनारे सिंचाई विभाग की भूमि पर कब्जा है। वहीं नालों के किनारे लोगों ने नगर निगम की भूमि पर अवैध कब्जा कर लिया है।
शहरी क्षेत्र में बारिश के दौरान नाले ओवरफ्लो हो जाते हैं। साथ ही जलभराव से व्यापारियों को हर साल लाखों का नुकसान उठाना पड़ता है। वहीं, घरों में बारिश का पानी भरने से आमजन का बड़ा नुकसान होता है। गंगा किनारे 100 मीटर में कोई निर्माण नहीं हो सकता है।
समय-समय पर अवैध निर्माण की सूची हरिद्वार प्रशासन को यूपी सिंचाई विभाग द्वारा भेजी जाती है, फोर्स की मांग भी कई बार की गई है, फोर्स न मिलने के कारण कार्रवाई नहीं की जाती है।
अनिल कुमार निमेष, एसडीओ, यूपी सिंचाई विभाग
नालों के किनारे अतिक्रमण को चिह्नित किया जाएगा। नियमानुसार जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।
दयानंद सरस्वती, नगर आयुक्त
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