Hindi Newsउत्तराखंड न्यूज़Education department has now woken up expensive books parents thousands of rupees

महंगी किताबों पर शिक्षा विभाग की अब टूटी नींद, अभिभावकों के खर्च हो गए हजारों रुपये

उनका कहना है कि बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने पहली बार निर्देश नहीं दिए है।बल्कि वर्ष 2019 और वर्ष 2023 में भी इसी प्रकार शिक्षा विभाग को निर्देश दिए जा चुके हैं। लेकिन कार्रवाई कभी होती नहीं दिखाई दी।

देहरादून, हिन्दुस्तान Sun, 28 April 2024 03:44 PM
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शैक्षिक सत्र शुरू हुए 26 दिन गुजर चुके हैं। स्कूलों ने बच्चों से महंगी किताबें खरीदवा ली है और शिक्षा विभाग को अब जाकर याद आई है बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने एनसीईआरटी और एससीईआरटी की किताबें ही लागू रखने का प्रावधान किया है।

आयोग की ओर से प्राइवेट स्कूलों के लिए इस साल नौ अप्रैल को जारी निर्देशों पर शिक्षा विभाग ने 22 अप्रैल को जाकर बेसिक शिक्षा निदेशक को कार्रवाई करने के आदेश जारी किए हैं। शिक्षा अफसरों के रवैये से अभिभावक भी हैरान हैं।

उनका कहना है कि बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने पहली बार निर्देश नहीं दिए है। बल्कि वर्ष 2019 और वर्ष 2023 में भी इसी प्रकार शिक्षा विभाग को निर्देश दिए जा चुके हैं। लेकिन कार्रवाई कभी होती नहीं दिखाई दी। नेहरू कालोनी के आलोक कुमार बताते हैं कि उनका बेटा एक प्राइवेट स्कूल में दूसरी क्लास में पढ़ता है।

एक अप्रैल से पहले ही पीटीएम में स्कूल की ओर से फरमान जारी हो गया था कि किताबें और यूनिफार्म स्कूल कैंपस से ले लें। किताबें ही साढ़े छह हजार रुपये की आई हैं। यदि एनसीईआरटी की अनिवार्यता होती तो दूसरी कक्षा की किताबें ढाई से तीन सौ रुपये तक तक ही बैठती।

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