चालक के अनुभव ने बचाई 30 बस यात्रियों की जान, रोडवेज बस का स्टीयरिंग फेल
चालक गोपाल के 27 साल के अनुभव ने 30 यात्रियों की जान बचाने में अहम भूउन्होंने बताया कि बस की स्पीड कम होने से नियंत्रण में आसानी हुई। स्टीयरिंग फेल होने से बस में सवार तीस यात्रियों में हड़कंप मच गया।
एक रोडवेज बस का स्टीयरिंग फेल हो गया। इससे बस में सवार 30 यात्रियों में हड़कंप मच गया। चालक ने सूझबूझ दिखा कर बस को किसी तरह नियंत्रण में लिया। बाद में यात्रियों को दूसरी बस से गंतव्य को रवाना किया गया। बस लोहाघाट से देहरादून जा रही थी। एनएच पर इस दौरान बड़ा हादसा टल गया। चालक गोपाल के 27 साल के अनुभव ने 30 यात्रियों की जान बचाने में अहम भूमिका निभाई।
गुरुवार को लोहाघाट डिपो की बस संख्या यूके 07 पीए 2990 देहरादून को रवाना हुई। सायं करीब साढ़े चार बजे बस स्वाला विश्राम घाट के पास पहुंची। इसी दौरान बस का स्टीयरिंग फेल हो गया। चालक गोपाल दत्त भट्ट ने सूझबूझ दिखाते हुए तीन चार बार हल्के-हल्के ब्रेक पैडल लेकर किसी तरह बस को नियंत्रित किया।
उन्होंने बताया कि बस की स्पीड कम होने से नियंत्रण में आसानी हुई। स्टीयरिंग फेल होने से बस में सवार तीस यात्रियों में हड़कंप मच गया। परिचालक अंकित जोशी ने बताया कि बाद में पिथौरागढ़ डिपो की बस से यात्रियों को टनकपुर के लिए रवाना किया गया। चालक गोपाल ने बताया कि बस की बुश रॉड टूट गई थी। इस वजह से स्टीयरिंग पूरी तरह से फ्री हो गया। उन्होंने बताया कि रवाना होने से पूर्व होने वाली फिटनेस के दौरान उन्होंने स्टीयरिंग की खामी की जानकारी वर्कशॉप में दी थी।
विश्राम घाट के पास है गहरी खाई
स्वाला विश्राम घाट के पास जिस स्थान पर बस का स्टीयरिंग फेल हुआ, उस स्थान पर गहरी खाई है। मंदिर के पास इस स्थान पर फरवरी 2018 में टनकपुर से पिथौरागढ़ जा रही एक जीप दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। हादसे में 11 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी।
बस में आई खामी की जानकारी दी थी
चालक गोपाल ने बस के स्टीयरिंग में आई खामी की जानकारी वर्कशॉप में दी थी। उन्होंने डिफेक्ट रजिस्टर में दर्ज कराने के साथ ही मौखिक जानकारी भी दी थी। डिफेक्ट रजिस्टर में बुश रॉड चेक करने की जानकारी दी थी। बांये साइड में स्टीयरिंग की कम कटिंग की शिकायत दर्ज कराई थी। गोपाल ने बताया कि फिटनेस के दौरान बस में जेक लगाकर भी स्टीयरिंग की खामी की चेकिंग करवाई थी।
बीते एक साल में रोडवेज बस में आई बड़ी खामियां
एक साल में बस में बड़ी खामी आने के तीन मामले हुए हैं। 14 नवंबर 2023 को पिथौरागढ़ डिपो की दिल्ली जा रही बस बनलेख के पास ब्रेक फेल हो गया था। बस में 27 यात्री सवार थे। छह जुलाई 2023 को दून से पिथौरागढ़ जा रही बस मरोड़ाखान के पास ब्रेक फेल होने से दुर्घटनाग्रस्त हो गई। बस में 25 यात्री सवार थे। 28 दिसंबर को पिथौरागढ़ से टनकपुर जा रही बस का ब्रेक फेल हो गया था। इसमें 22 यात्री थे।
देहरादून जा रही लोहाघाट डिपो के बस की बुश रॉड टूट गई थी। इस वजह से स्टीयरिंग फेल हो गया। चालक गोपाल ने सूझबूझ से बस को नियंत्रित किया। मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
नरेंद्र गौतम, एआरएम, परिवहन निगम।
चालक के अनुभव ने बचाई 30 बस यात्रियों की जान, रोडवेज बस का स्टीयरिंग फेल
चालक गोपाल के 27 साल के अनुभव ने 30 यात्रियों की जान बचाने में अहम भूमिका निभाई। स्टीयरिंग फेल होने का अहसास होते ही गोपाल भट्ट ने बगैर घबराए बार-बार हल्के ब्रेक लेकर ढलान में जा रही बस को नियंत्रण में लिया। गोपाल वर्ष 1997 से वाहन चला रहे हैं। वे वर्तमान में लोहाघाट में संविदा चालक हैं।
बीते गुरुवार को लोहाघाट डिपो की बस चम्पावत से शाम करीब तीन बजे देहरादून के लिए रवाना हुई। बस में चालक, परिचालक के अलावा 30 यात्री सवार थे। करीब डेढ़ घंटे बाद ये बस स्वाला से आगे विश्राम घाट पहुंची। ढलान में धीमी रफ्तार में जा रही बस के चालक गोपाल दत्त भट्ट को स्टीयरिंग में खामी आने का एहसास हुआ। कुछ ही पलों में स्टीयरिंग पूरी तरह से फ्री हो गया।
ऐसे में चालक गोपाल ने बगैर घबराए बस को नियंत्रित करने के लिए 27 साल के अनुभव को पूरी तरह झोंक दिया। चालक गोपाल ने बताया कि उन्होंने गेयर डाउन करते हुए कई बार हल्के-हल्के ब्रेक लगाए। तब जाकर उन्हें बस रोकने में कामयाबी मिली। बताया कि ऐसी परिस्थिति में स्पीड अधिक होने पर बस को नियंत्रण में लेना कठिन हो जाता है।
चम्पावत के बजौन गांव निवासी चालक गोपाल बताते हैं कि वर्ष 1997 से वाहन चला रहे हैं। वे परिवहन निगम में वर्ष 2017 से संविदा चालक के तौर पर तैनात हैं। बताते हैं कि उन्हें 3.65 रुपया प्रति किमी की दर से मानदेय दिया जाता है।
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