Dehradun:सीज हुई गाड़ियों के बना डाले पलूशन सर्टिफिकेट, आयुक्त ने इस तरह किया धांधली का खुलासा
प्रमाणपत्र बनाने में धांधली हो रही है। इस पर परिवहन आयुक्त मुख्यालय में वाहन पोर्टल से राज्य के वाहनों की प्रदूषण जांच की समीक्षा की।इसके बाद कुछ संदिग्ध नंबरों को विभिन्न आरटीओ को भेजकर जांच कराई गई।
राज्य में वाहनों को जांच केंद्र ले जाए बिना उसके फोटो से ही प्रदूषण जांच प्रमाणपत्र बनाए जाने का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। मामले के मुताबिक, आरटीओ कार्यालय में सीज वाहनों के उत्तर प्रदेश के जांच केंद्रों से प्रदूषण जांच के सर्टिफिकेट बना दिए गए। विभागीय अफसरों के अनुसार, इससे करीब तीन लाख प्रमाणपत्र शक के दायरे में आ गए हैं। संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत कुमार ने कहा कि यह पूरा खेल अंतर्राज्यीय नेटवर्क से जुड़ा प्रतीत हो रहा है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
यूं हुआ खुलासा विभाग को शिकायत
मिली थी कि प्रदूषण जांच प्रमाणपत्र बनाने में धांधली हो रही है। इस पर परिवहन आयुक्त मुख्यालय में वाहन पोर्टल से राज्य के वाहनों की प्रदूषण जांच की समीक्षा की। इसके बाद कुछ संदिग्ध नंबरों को विभिन्न आरटीओ को भेजकर जांच कराई गई। जांच में कुमाऊं मंडल में संदिग्ध नंबरों में गोलमाल की पुष्टि हो गई। गढ़वाल मंडल में जांच जारी है।
केस-1
यूके 04 टीबी-0391 नंबर का वाहन हल्द्वानी आरटीओ कार्यालय परिसर में सीज है। इसका प्रदूषण प्रमाणपत्र बीती 13 दिसंबर को पहले दोपहर 1.12 मिनट पर जारी किया गया। इसके नौ मिनट बाद एक और प्रमाणपत्र जारी किया गया। यह प्रमाणपत्र केंद्रीय परिवहन मंत्रालय के वाहन 04 पोर्टल पर भी अपलोड है।
केस-2
वाहन यूपी 25-7038 भी हल्द्वानी आरटीओ परिसर में सीज है। इसका प्रदूषण जांच प्रमाणपत्र भी बीती 13 दिसंबर की दोपहर 2.41 बजे जारी हुआ है। यह भी वाहन पोर्टल पर दर्ज है।
संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह ने कहा कि, यह काफी गंभीर मामला सामने आया है। इस संबंध में राज्यभर के सभी प्रदूषण जांच केंद्रों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार को भी जांच के लिए अनुरोध पत्र भेजा जा रहा है।
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