मृतक आश्रितों को अब मिलने वाली है सरकारी नौकरी, यह है उत्तराखंड रोडवेज विभाग की तैयारी
उत्तराखंड रोडवेज में 195 मृतक आश्रितों को कंडक्टर या ड्राइवर के पद पर नियुक्ति मिलेगी। इसकी प्रक्रिया शुरू करने के लिए शासनादेश का इंतजार है। रोडवेज में मृतक आश्रितों की नियुक्ति पर रोक लगाई थी।
उत्तराखंड रोडवेज में 195 मृतक आश्रितों को कंडक्टर या ड्राइवर के पद पर नियुक्ति मिलेगी। इसकी प्रक्रिया शुरू करने के लिए प्रबंधन को शासनादेश का इंतजार है। दरअसल, रोडवेज में मृतक आश्रितों की नियुक्ति पर वर्ष 2016 से रोक थी। आश्रित नौकरी के लिए दर-दर भटक रहे थे।
इसी साल जुलाई में आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान’ ने ‘नौकरी की आस’ सीरीज चलाकर इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। इसके बाद रोडवेज प्रबंधन ने नियुक्ति पर लगी रोक हटाने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा।
अब जाकर कैबिनेट ने रोक हटाई। महाप्रबंधक (संचालन) दीपक जैन ने बताया कि शासन का आदेश मिलने के बाद नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जाएगी। दो महीने के भीतर मृतक आश्रितों को नियुक्ति मिल जाएगी।
मृतक आश्रितों ने बांटी मिठाइयां सात साल बाद नियुक्ति से रोक हटने पर मृतक आश्रितों ने खुशी मनाई।
वे बड़ी संख्या में रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के मंडलीय कार्यालय पहुंचे और मिठाई बांटी। संयुक्त परिषद के प्रदेश महामंत्री दिनेश पंत ने कहा कि मृतक आश्रित कई साल से संघर्ष कर रहे थे। हमने भी संघर्ष किया।
उन्होंने सरकार का आभार जताया। मृतक आश्रितों ने राज्य निगम कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुसाईं, महासचिव बीएस रावत, संयुक्त परिषद के प्रदेश अध्यक्ष आन सिंह जीना, महामंत्री दिनेश पंत, उप महामंत्री विपिन बिजल्वाण, प्रेम सिंह रावत, भोला जोशी का भी आभार जताया।
इस दौरान मोहित, हरिओम, अंकित, वंश शर्मा, विपिन गंगवार, अखिलेश जोशी, अनंत, प्रयाग सिंह, विनय सक्सेना, पवन कुमार, अरुण राज, अमरीश कुमार, शिवानी, वैशाली मौजूद रहे।
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