देश, और पड़ोसी देशों में दो महीने में 294 भूकंप, उत्तराखंड समेत इन राज्यों में ज्यादा डोली धरती
देश के कई राज्यों में पिछले कुछ महीनों में कई बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। चिंता की बात है कि बार-बार भूकंप की वजह से लोग दहशत में आ गए थे। भूकंप से लोग दहशत में आ जाते हैं।
देश के कई राज्यों में पिछले कुछ महीनों में कई बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। चिंता की बात है कि बार-बार भूकंप की वजह से लोग दहशत में आ गए थे। हिमालयी क्षेत्र भूकंप के लिहाज से सवेदनशील है। पिछले दो महीने में भारत और पड़ोसी देशों में 294 से अधिक भूकंप आए हैं।
नेशनल सेंटर ऑफ सेस्मॉलॉजी (एनसीएस) के अर्थक्वेक मॉनिटरिंग सेंटर (ईएमसी) के देशभर में फैले 152 स्टेशनों में अप्रैल और मई महीने में ये भूकंप दर्ज किए गए। इसमें से 90 फीसदी उत्तराखंड समेत हिमालय प्रदेश और हिन्दुकुश रीजन में आए। एनसीएस की रिपोर्ट के मुताबिक, हिमालयी क्षेत्रों में ही अधिकांश भूकंप आ रहे हैं। अप्रैल में 144 भूकंप आए।
इसमें 130 भारत और भारत की सीमा से लगते एशियाई देशों में आए। कुछ छोटे भूकंप हरियाणा, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश व महाराष्ट्र में भी दर्ज किए गए। अप्रैल में तीन मेग्नीट्यूड से कम तीव्रता के तीस, पांच तीव्रता से अधिक के पांच भूकंप दर्ज किए गए। इसमें 29 प्रतिशत भूकंप 3 से 3.9 तीव्रता के, 37 प्रतिशत 3.9 से 4.0 के रहे, 5 से 5.9 तीव्रता के चार भूकंप आए।
13 भूंकप 6 से 6.9 की तीव्रता के रहे, 2 भूकंप 7 से 7.9 तीव्रता के भी आए। 57 भूकंप का केन्द्र भारत की सीमा में रहा। 14 भूकंप का केन्द्र अंडमान के समुद्री क्षेत्र में रहा। 6-6 भूकंप हिमाचल, उत्तराखंड व मेघालय में आए। 57 भूकंपों में से 35 उत्तर भारत व नार्थ ईस्ट में आए। अंडमान में जो 14 भूकंप आए वह 4 से 6.2 तीव्रता के थे। इनमें से पांच भूकंप तो नौ अप्रैल को ही आए।
मई में 150 भूकंप आए
मई महीने में 150 भूकंप दर्ज किए गए। 137 भूकंप का केन्द्र भारत व पड़ोसी देशों में रहा। ज्यादातर भूकंप हिंदूकुश, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड में आए। 27 भूकंप 3.0 से कम तीव्रता के थे। 5 व उससे अधिक के 6 भूकंप दर्ज हुए। 37 फीसदी भूकंप 3 से 3.9 व 33 फीसदी 4 से 4.9 तीव्रता के रहे।
छह भूकंप 5.0 से अधिक तीव्रता के रहे। नौ भूकंप 6.0-6.9 और तीन भूकंप 7.0-7.9 की तीव्रता के आए। भारतीय क्षेत्र में 41 भूकंप आए। इनमें 7 उत्तराखंड और 6 मणिपुर में थे। एनसीएस के लिए आरके सिंह, एसके प्रजापति, शंकर पाल, आशीष जैन और प्रशांत चिंगथम ने डेटा का विश्लेषण प्रस्तुत किया।
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