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Good News: कोरोना वायरस सेहतमंद लोगों के आगे हो रहा बेअसर, कोविड-19 से मृत्यु दर 01 फीसदी से भी कम

कोरोना वायरस का तेजी से फैलता प्रकोप और मौत का बढ़ता आंकड़ा लोगों को डरा रहा है। मगर हकीकत में यह वायरस इतना प्रभावी नहीं, जितना नजर आ रहा है। आंकड़े बताते हैं कि कोरोना से मृत्यु दर एक फीसदी से भी कम...

Himanshu Kumar Lall हिन्दुस्तान टीम, हल्द्वानी , Tue, 4 Aug 2020 11:19 AM
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कोरोना वायरस का तेजी से फैलता प्रकोप और मौत का बढ़ता आंकड़ा लोगों को डरा रहा है। मगर हकीकत में यह वायरस इतना प्रभावी नहीं, जितना नजर आ रहा है। आंकड़े बताते हैं कि कोरोना से मृत्यु दर एक फीसदी से भी कम है।

जान गंवाने वाले लोगों में एक को छोड़कर बाकी सभी मरीज पहले से ही गंभीर रोगों कैंसर, हाई शुगर, ब्लड प्रेशर, किडनी, सांस, दिल, टीबी, लीवर आदि से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे थे।

वायरस के कारण सीधे किसी की जान नहीं गई, बल्कि पहले से बीमार शरीर के कई अंगों का काम न करना ही मृत्यु का कारण बना है।  सोमवार दोपहर एक बजे तक नैनीताल जिले में 1230 कोरोना मरीज मिल चुके हैं।

इसमें 674 लोग पूरी तरह स्वस्थ होकर घर लौट गए हैं। वर्तमान में जिले में 556 एक्टिव केस हैं। 400 से अधिक बिना लक्षण वाले कोविड केयर सेंटर में हैं, जबकि मात्र 150 लोग ही एसटीएच में भर्ती हैं।

इसमें 48 लोगों में कोरोना वायरस के गंभीर लक्षण हैं। इन्हें गहन निगरानी में रखा गया है। इसके अलावा 17 लोगों की मौत कोरोना वायरस की चपेट में आने के बाद मौत हुई है। 

 


सेहतमंद पर असरदार नहीं कोरोना
कोरोना वायरस सेहतमंद लोगों पर असर नहीं डाल रहा। शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए स्वस्थ दिनचर्या के साथ व्यायाम, योगाभ्यास के साथ सेहतमंद भोजन सबसे अच्छा साधन है। आयुर्वेद में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर काफी जोर दिया जाता है। अच्छी प्रतिरोधकता वाले मरीज यदि वायरस की चपेट में आ भी जाएं तो इसमें सर्दी, जुकाम से ज्यादा कोई परेशानी नहीं हो रही।

 

कुमाऊं में 30 लोगों की मौत
स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार सोमवार शाम तक कुमाऊं में कोरोना संक्रमित 30 लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें सर्वाधिक 18 नैनीताल में, ऊधमसिंह नगर में आठ लोगों की जान गई है। पिथौरागढ़ एकमात्र जिला है, जहां कोरोना संक्रमित किसी व्यक्ति की मौत नहीं हुई। पर्वतीय क्षेत्रों में मृत्यु दर काफी कम रही है।

 

कोविड के प्रभाव में आ रहे 99 फीसदी लोगों में कोई लक्षण नहीं है। मगर अब देखा जा रहा है कि लोग अब मास्क का प्रयोग, सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन को लेकर गंभीर हैं। यही समय सबसे अधिक सतर्क रहने का है। अब तक कोरोना पॉजीटिव हुए लोगों की रिपोर्ट से यह बात साफ तौर पर नजर आ रही है कि मरने वाले लगभग सभी लोग पुराने और गंभीर रोगों से ग्रसित थे। कोविड के कारण मरीज की सीधे तौर पर मृत्यु नहीं हो रही है।
डॉ. अरुण जोशी, एमएस और वरिष्ठ प्रोफेसर जनरल मेडिसिन राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी

 

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