चारधाम जाने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा होगी आसान, पैदल मार्ग पर अब इतने चलेंगे घोड़े-खच्चर और डण्डी-कंडी
5 घंटे से अधिक कोई भी घोडा-खच्चर किसी भी दशा में यात्रा मार्ग पर नहीं रहेगा। यात्री द्वारा यमुनोत्री पहुंचने पर दर्शन आदि के लिए निर्धारित कर इस संबंध में मंदिर समिति से स्वयंसेवक तैनात हैं।
यमुनोत्री धाम में पैदल यात्रा मार्ग पर यात्रियों के आवागमन को सुगम बनाने के लिए जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने मंगलवार को धारा 144 के तहत एक आदेश जारी किए हैं। जिसमें जानकीचट्टी से यमुनोत्री तक घोड़े-खच्चरों की संख्या 800 और डण्डी-कंडी की संख्या 300 निर्धारित की है।
एसडीएम बड़कोट, पुलिस उपाधीक्षक और अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत उत्तरकाशी की संयुक्त रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी ने यह आदेश जारी किया है। जानकीचट्टी से यमुनोत्री आने-जाने वाले घोड़े-खच्चरों के आवागमन का समय सुबह 4 से शाम 5 बजे तक निर्धारित किया गया है।
घोड़े-खच्चरों की संख्या 800 पूर्ण होने के बाद घोड़े-खच्चर उसी अनुपात में जानकीचट्टी से भेजे जायेगें। जिस अनुपात में यमुनोत्री से वापस आएगे। प्रत्येक घोड़े-खच्चर के प्रस्थान, यात्री के दर्शन तथा वापसी हेतु कुल 05 घंटे का समय निर्धारित किया गया है।
5 घंटे से अधिक कोई भी घोडा-खच्चर किसी भी दशा में यात्रा मार्ग पर नहीं रहेगा। यात्री द्वारा यमुनोत्री पहुंचने पर दर्शन आदि के लिए 60 मिनट का समय निर्धारित कर इस संबंध में मंदिर समिति से स्वयंसेवक तैनात करते हुए व्यवस्था का अनुपालन करवाये जाने को कहा गया है।
डंडी कंडी की संख्या भी 300 निर्धारित की
जिलाधिकारी द्वारा आदेश में जानकीचट्टी से यमुनोत्री आने-जाने वाली डण्डी की संख्या अधिकतम 300 निर्धारित की गई है। डण्डी के आवागमन का समय प्रात 4 बजे से शाम 4 बजे तक निर्धारित है। डण्डी के लिये आवागमन का समय 6 घंटा निर्धारित किया है। इन्हें 50 के लॉट में छोड़ा जायेगा। डण्डी का संचालन बिरला धर्मशाला से किया जायेगा।
घोड़ा पड़ाव से आगे जाने पर रोक
डीएम ने आदेश में जारी करते हुए यमुनोत्री धाम में घोड़ा पड़ाव से आगे किसी भी दशा में घोड़ा-खच्चर एवं डण्डी के जाने पर पूरी तरह से रोक लगाई गई है। यदि किसी व्यक्ति द्वारा इस आदेश का उल्लंघन किया जाता है, तो उसके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
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