बदरीनाथ-केदारनाथ, यमुनोत्री सहित चार धाम यात्रा रूट पर हेल्थ की न लें टेंशन, तीर्थ यात्रियों को एयर लिफ्ट करने का बना प्लान
उत्तराखंड चार धाम यात्रा 2023 में सफर के दौरान किसी भी तीर्थ यात्री की जान नहीं जाएगी। बदरीनाथ, केदारनाथ सहित चारों धामों में सफर के दौरान तीर्थ यात्री को स्वास्थ्य की टेंशन लेने की जरूरत नहीं है।
उत्तराखंड चार धाम यात्रा 2023 में सफर के दौरान किसी भी तीर्थ यात्री की अब जान नहीं जाएगी। बदरीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री सहित चारों धामों के सफर के दौरान किसी भी तीर्थ यात्री को अब अपनी स्वास्थ्य की टेंशन लेने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है। किसी भी आपात स्थिति में यात्रियों को रेस्क्यू कर तुरंत ही अस्पताल पहुंचाया जाएगा। चार धाम यात्रा रूट पर तीर्थ यात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए उत्तराखंड सरकार की ओर से धांसू प्लान बनाया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि चार धाम यात्रा के दौरान आपात स्थिति में तीर्थ यात्रियों को एयर एम्बुलेंस की सहायता से हायर सेंटर लाया जाएगा। कहा कि गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के लिए एम्स ऋषिकेश जबकि बद्री केदार के लिए श्रीनगर मेडिकल कॉलेज को बेस कैंप बनाया गया है।
हालांकि मरीजों को गंभीर स्थिति में एम्स, दून और श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए सभी जिलों के जिलाधिकारियों एवं मुख्य चिकित्साधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं। डा. धन सिंह रावत ने बताया कि विगत दिनों यमुनोत्री में हार्ट अटैक से से दो तीर्थ यात्रियों की मृत्यु हो गई है।
तीर्थ यात्रियों की मौतों के बाद उत्तरकाशी, रूद्रप्रयाग व चमोली के जिलाधिकारियों एवं मुख्य चिकित्साधिकारियों को अलर्ट कर दिया गया है। अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में तीर्थयात्रियों को तत्काल एयर लिफ्ट कर हायर सेंटर लाया जाए।
चारधाम मार्ग पर 71 अस्पताल
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि चार धाम यात्रा मार्गों पर 48 स्थाई चिकित्सा इकाई तथा 23 अस्थाई चिकित्सा इकाई स्थापित की गई है। जहां पर 29 विशेषज्ञ चिकित्सक एवं 182 चिकित्साधिकारी तैनात किये गये हैं। इसके अलावा 272 पैरामेडिकल स्टॉफ की तैनाती की गई है जिनमें 182 स्टाफ नर्स व 90 फार्मासिस्ट शामिल है।
चार धाम यात्रा में 96 विभागीय एम्बुलेंस व 77 आपातकालीन सेवा 108 एम्बुलेंस सहित 200 एम्बुलेंस की तैनाती की गई है। यात्रा मार्गों पर आपात स्थिति से निपटने के लिए 11 ब्ल्ड बैंक व 2 ब्ल्ड संग्रहण केन्द्र हैं। इसके अलावा श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में कार्डिक सेंटर की स्थापना की गई है जहां पर कार्डियोलॉजिस्ट सहित अन्य पैरामेडिकल स्टॉफ तैनात रहेगा।
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