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चार धाम यात्रा 2023 से पहले फिर बढ़ी टेंशन, बर्फबारी के बाद केदारनाथ का पैदल रास्ता बंद; यह है उत्तराखंड मौसम पूर्वानुमान

चार धाम यात्रा से पहले खराब मौसम ने टेंशन देनी शुरू कर दी है। केदारनाथ-बदरीनाथ और गंगोत्री धामों में बर्फबारी के बाद यात्रा की तैयारी में जुटी प्रशासन की टीम की मुश्किलें भी बढ़ गईं हैं।

चार धाम यात्रा 2023 से पहले फिर बढ़ी टेंशन, बर्फबारी के बाद केदारनाथ का पैदल रास्ता बंद; यह है उत्तराखंड मौसम पूर्वानुमान
Himanshu Kumar Lall रुद्रप्रयाग, संवाददाता, Mon, 20 March 2023 03:16 PM
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चार धाम यात्रा से पहले खराब मौसम ने टेंशन देनी शुरू कर दी है। केदारनाथ-बदरीनाथ और गंगोत्री धामों में बर्फबारी के बाद यात्रा की तैयारी में जुटी प्रशासन की टीम की मुश्किलें भी बढ़ गईं हैं। ऐसे में खराब मौसम की वजह से धामों पर पड़ी बर्फ को हटाने के लिए कुछ और समय लग सकता है।

हालांकि, प्रशासन का दावा है कि यात्रा शुरू होने से से पहले चार धाम यात्रा रूट को सही कर दिया जाएगा। इसके अलावा, धामों से बर्फ को पूरी तरह से हटा दिया जाएगा, ताकि यूपी सहित पड़ोसी राज्यों से आने वाले तीर्थ यात्रियों को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी न हो। उत्तराखंड में पिछले दो दिनों से खराब मौसम का असर पड़ने लगा है।

केदारनाथ धाम में बीते दो दिनों से बर्फबारी हो रही है, जिससे लिंचौली से केदारनाथ तक पैदल आवाजाही फिर से बंद हो गई है। केदारनाथ में करीब एक से डेढ़ फीट नई बर्फ गिर गई है जिससे यात्रा व्यवस्थाओं में जुटे अधिकारी, कर्मचारी एवं मजदूरों को परेशानियां उठानी पड़ रही है। लोनिवि-डीडीएमए को अब लिंचौली से केदारनाथ तक पैदल मार्ग से दोबारा बर्फ हटानी पड़ेगी।

आगामी 25 अप्रैल को भगवान केदारनाथ के कपाट भक्तों के दर्शनार्थ खुलने हैं। ऐसे में केदारनाथ में सभी व्यवस्थाएं जुटाने के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है किंतु दो दिनों से हो रही बारिश और बर्फबारी ने यात्रा व्यवस्थाओं में जुटे अधिकारी, कर्मचारी एवं मजदूरों के कदम रोक दिए हैं।
 

लिंचौली से केदारनाथ तक पैदल मार्ग में बर्फ के चलते आवाजाही फिर से बंद है। जबकि भैरव ग्लेशियर पर भी काफी बर्फ गिरी है। ऐसे में डीडीएमए को बर्फ हटाने में दोबारा मेहनत करनी पड़ेगी। जबकि इससे पहले डीडीएमए ने गौरीकुंड से केदारनाथ तक पैदल मार्ग से बर्फ हटाते हुए आवाजाही शुरू करा दी थी।

जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय के ईई प्रवीन कर्णवाल ने बताया कि दो दिनों से लगातार बर्फबारी हो रही है जिससे केदारनाथ धाम में एक फीट से अधिक बर्फ गिरी है। लिंचौली से केदारनाथ तक आवाजाही नहीं हो पा रही है। ढा़ई सौ मजदूर केदारनाथ में रुके हैं जबकि दो सौ मजदूर सोनप्रयाग में है।

उन्होंने बताया कि मौसम खुलते ही बड़ी संख्या में मजदूरों को लिंचौली से केदारनाथ के बीच बर्फ हटाने में लगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इससे पहले पैदल मार्ग से बर्फ हटाते हुए 6 फीट आवाजाही के लिए तैयार कर लिया गया था किंतु दो दिनों की बर्फबारी ने काफी मुश्किलें पैदा कर दी है।

डीएम के निर्देश पर पहले हटा दी थी बर्फ
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के निर्देशों पर लोनिवि डीडीएमए की टीम ने 20 फरवरी से पैदल मार्ग पर बर्फ हटाने का काम शुरू किया था। जबकि 10 मार्च को बर्फ हटाने वाली टीम केदारनाथ पहुंच गई थी।

उत्तराखंड के सभी जिलों में बारिश-बर्फबारी का येलो अलर्ट
Uttarakhand Weather:
उत्तराखंड के गढ़वाल एवं कुमाऊं मंडल के सभी जिलों में मंगलवार को बारिश एवं बर्फबारी का येलो अलर्ट जारी किया गया है। वहीं 24 मार्च तक कई जिलों में बारिश की आशंका जताई गई है। मौसम विभाग के मुताबिक प्रदेश के जनपदों में अधिकांश जगहों में हल्की से मध्यम बारिश, बर्फबारी हो सकती है।

3500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी ज्यादा होने की संभावना है। कई इलाकों में गर्जना एवं ओलावृष्टि की भी आशंका है। 22 एवं 23 मार्च को मैदानी इलाकों में राहत मिल सकती है। केवल पर्वतीय इलाकों में ही बारिश के आसार है। 24 मार्च को फिर से सभी जिलों में बारिश एवं बर्फबारी का अलर्ट जारी किया गया है।

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