चार धाम यात्रा 2023: बदरीनाथ-केदारनाथ धामों में ‘डिजिटल भुगतान’ के नाम ठगों का प्लान, क्यूआर कोड पर ऐक्शन
उत्तराखंड चार धाम यात्रा 2023 पर अगर आप डिजिटल भुगतान की सोच रहें हैं तो आपको सावधान रहने की जरूरत है। ठगों ने मंदिर के आसपास ही फर्जी क्यूआर कोड (QR Code ) चिपका रखे हैं। क्यूआर कोड पर ऐक्शन लिया है।
उत्तराखंड चार धाम यात्रा 2023 पर अगर आप डिजिटल भुगतान की सोच रहें हैं तो आपको सावधान रहने की जरूरत है। जी हां, राजस्थान, यूपी, दिल्ली-एनसीआर, एमपी सहित देश के अन्य राज्यों से धामों में दर्शन करने वाले तीर्थ यात्रियों से ठगी की जा रही है। ठगों ने मंदिर के आसपास ही फर्जी क्यूआर कोड (QR Code ) चिपका रखे हैं। मामला सामने आने के बाद मंदिर समिति की ओर से ऐक्शन लिया गया है।
बदरीनाथ-केदारनाम धामों में ‘डिजिटल दान’ के नाम पर क्यूआर कोड फर्जीवाड़े मामले में केस दर्ज कर लिया है। मंदिर समिति ने केदारनाथ मंदिर में लगाए क्यूआर कोड को लेकर कर्मचारियों का जबाव-तलब किया है। चमोली के पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र डोबाल ने बताया कि बद्रीनाथ मंदिर के प्रभारी अधिकारी अनिल ध्यानी की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
पुलिस उपाधीक्षक प्रमोद शाह ने बताया कि मंदिर परिसर में लगाए गए पांच क्यूआर कोड के बोर्ड कब्जे में ले लिए गए हैं। उधर, रुद्रप्रयाग के पुलिस उपाधीक्षक विमल कुमार ने बताया कि केदारनाथ में क्यूआर कोड लगाने के मामले की जांच जारी है। सूत्रों ने बताया कि वर्ष 2018 में इस तरह के करार को लेकर बात हुई थी।
करार हुआ या नहीं, ये स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई। बीकेटीसी के कार्याधिकारी आरसी तिवारी ने बताया कि यह खाता किसका है और इसमें पैसे कितने गए। इसकी जांच की जा रही है। एक-दो दिन में मामले का खुलासा हो जाएगा।
कोड स्कैन में मंदिर समिति का नाम
केदारनाथ धाम में लगाए गए डिजिटल भुगतान के कंपनी के क्यूआर कोड स्कैन करने पर मंदिर समिति का नाम आ रहा है। लेकिन मंदिर समिति साफ नहीं कर पा रही है कि पैसा किस खाते में गया है। क्यूआर कोड को स्कैन करने पर भुगतान का विकल्प मांगा जाता है। भुगतान करने पर सीधे बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति का नाम सामने आ रहा है। हालांकि अभी तक ये साफ नहीं हो रहा है कि क्यूआर कोड के जरिए जो भुगतान हो रहा है, वो किस खाते में जा रहा है।
बीकेटीसी के कार्याधिकारी आरसी तिवारी ने बताया कि यह खाता किसका है और इसमें पैसे कितने गए या नहीं इस सम्पूर्ण मामले की गहन जांच की जा रही है। मंदिर समिति ने भी दो रुपये डाल कर देखे: क्यूआर कोड मामले में सोमवार को मंदिर समिति के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने भी अपने स्तर पर पड़ताल का प्रयास किया। एक अधिकारी ने क्यूआर कोड स्कैन कर दो रुपये का भुगतान किया।
ताकि पता चल सके कि ये दो रुपये किस खाते में आए, लेकिन कुछ पता नहीं चल पाया। क्योंकि मंदिर समिति के पूरे प्रदेश में 100 के करीब खाते हैं। ऐसे में ये पैसा किस खाते में गया, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई। रुद्रप्रयाग के पुलिस उपाधीक्षक विमल कुमार ने बताया कि इस मामले की जांच जारी है।
मामला ऑनलाइन से जुड़ा है। जरूरत पड़ी तो एफआईआर दर्ज की जाएगी। सूत्रों ने बताया कि वर्ष 2018 में इस तरह के करार को लेकर कुछ बात हुई थी। करार हुआ या नहीं, ये स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई। मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि पुलिस जांच के बाद ही पूरी स्थिति साफ हो जाएगी।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।