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Chandra Grahan 2022: चंद्र ग्रहण से उत्तराखंड में प्रभाव, दुष्प्रभाव से बचने को यह होगा उपाय

2022 का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2022) 8 नवंबर को लगने जा रहा है।  मई महीने में पहला चंद्र ग्रहण लगने के बाद इस बार का चंद्र ग्रहण की वजह से बदरीनाथ के कपाट बंद हाेंगे।

Himanshu Kumar Lall गोपेश्वर, संवाददाता, Mon, 7 Nov 2022 07:39 PM
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2022 का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2022) 8 नवंबर को लगने जा रहा है।  मई महीने में पहला चंद्र ग्रहण लगने के बाद इस बार का चंद्र ग्रहण कई मायनों में विशेष माना जा रहा है। भारत में चंद्र ग्रहण आठ नवंबर को शाम 5.32 बजे प्रारंभ होगा और रात 7.27 बजे समाप्त होगा।

उत्तराखंड में भी इसका असर देखने का मिलेगा। किसी भी दुष्प्रभाव से बचने को बदरीनाथ और अन्य मंदिर चंद्रग्रहण के दौरान आठ नवंबर को बंद रहेंगे। बदरीनाथ मंदिर सहित मां लक्ष्मी मंदिर, मातामूर्ति मंदिर, आदिकेदारेश्वर मंदिर, श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ, वासुदेव मंदिर, दुर्गा मंदिर, योग बदरी पांडुकेश्वर, ध्यान बदरी उर्गम, भविष्य बदरी मंदिर सुभाई तपोवन, श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ, केदार मद्महेश्वर, त्रिजुगीनारायण मंदिर के कपाट बंद हाेंगे। 

इसी के साथ ही कालीमठ मां काली मंदिर, गोपाल मंदिर नंदप्रयाग, नव दुर्गा मंदिर टिहरी, सदगुरु धाम मंदिर सेरा, मां दुर्गा चंद्रवदनी मंदिर कारगी चौक देहरादून सहित सभी छोटे- बड़े मंदिर दिनभर बंद रहेंगे। बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने यह जानकारी देते हुए बताया कि मंदिर समिति के अधीनस्थ तथा दस्तूरधारी सभी मंदिर ग्रहणकाल के सूतक शुरू होते बंद हो जायेंगे।

ज्योतिषीय समय गणनानुसार संपूर्ण ब्रह्मांड में चंद्र ग्रहण दिन में एक बजकर बत्तीस मिनट पर शूरू होगा। शाम 7 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। भारत वर्ष में चंद्र ग्रहण शाम पांच बजकर 32 मिनट पर शुरू होगा तथा शाम 6 बजकर 18 मिनट पर समाप्त हो जायेगा। इस तरह ग्रहणकाल सीमित रहेगा।

यह होगी चंद्र गहण की अवधि 
चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 1 घंटा 95 मिनट होगी। पिछली बार 16 मई को पहला चंद्र ग्रहण प्रात: 8.59 बजे से प्रात: 10.23 बजे तक लगा था। इस बार लगने वाला चंद्र ग्रहण पूर्व की तुलना में 31 मिनट अधिक का होगा। यह चंद्र ग्रहण सूर्य ग्रहण के ठीक 15 दिन बाद देव दीपावली के दिन लग रहा है।

यानी इस बार चंद्र ग्रहण के दिन ही कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि है। इस दिन हिन्दू भारत में देव दीपावली त्यौहार मनाते हैं। ज्योतिषाचार्य डॉ. सुशांत राज के अनुसार, शास्त्र और पंचांगों के अनुसार देव दीपावली दिन चंद्र ग्रहण लगता है तो यह तिथि काफी अहम हो जाती है।

वैसे ग्रहण को शास्त्रों में अच्छा नहीं माना गया है। यही वजह है कि लोग कोई भी शुभ कार्य इस अवधि में नहीं करते हैं। यह ग्रहण भारत, उत्तरी और दक्षिण अमेरिका, एशिया के सभी द्वीपों, पूर्वी और दक्षिण यूरोप के देशों, आस्ट्रेलिया, पेसिफिक अटलांटिक और हिंद महासागर में लोग आसानी से देख सकते हैं। 

नंगी आंखों से न देखें
यदि आप चंद्र ग्रहण देखना चाहते हैं तो नंगी आंखों से न देखें। इसके लिए जरूरी उपकरण जरूर धारण करें, वरना आंखें खराब हो सकती हैं। चूंकि चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण के दौरान खतरनाक किरणें पृथ्वी पर पड़ती हैं। इससे कई तरह के नुकसान होने की संभावना बनी रहती है।

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