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Ankita Bhandari Case : अंकिता भंडारी मर्डर केस की जांच कहां तक पहुंची, SC ने सरकार से मांगी रिपोर्ट

Ankita Bhandari Case : आरोप है कि जब लड़की ने रिजॉर्ट में वीआईपी को एक्स्ट्रा सर्विस देने से मना कर दिया तब पुलकित और उसके दो सहयोगियों ने उसकी हत्या कर दी। मौत के बाद विरोध प्रदर्शन हुए थे।

Nishant Nandan पीटीआई, देहरादूनMon, 13 March 2023 02:40 PM
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Ankita Bhandari Case : उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी मर्डर केस की जांच कहां तक पहुंची है? सुप्रीम कोर्ट ने इसे लेकर रिपोर्ट मांगी है। सोमवार को देश की सबसे बड़ी अदालत ने उत्तराखंड सरकार को निर्देश दिया कि भारतीय जनता पार्टी से निष्कासित नेता के बेटे के ऋषिकेश में स्थित रिजॉर्ट में काम करने वाली 19 साल की महिला की हत्या के मामले में जांच कहां तक पहुंची इसकी स्टेटस रिपोर्ट अदालत को दी जाए। 

जस्टिस केएम जोसेफ और बीवी नगराथन की बेंच अंकिता भंडारी के एक पारिवारिक सदस्य की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। अदालत की बेंच ने डिप्टी एडवोकेट जनरल जतींद्र कुमार सेठी से कहा कि अब तक की जांच को लेकर स्टेटस रिपोर्ट फाइल करें। बता दें कि पीड़िता ऋषिकेश के नजदीक स्थित वनंतरा रिजॉर्ट में बतौर रिसेप्शनिस्ट काम करती थी। आरोप है कि रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्या ने उसकी हत्या की है। पुलकित भाजपा से निष्कासित नेता विनोद आर्या के बेटे हैं।

आरोप है कि जब लड़की ने रिजॉर्ट में वीआईपी को एक्स्ट्रा सर्विस देने से मना कर दिया तब पुलकित और उसके दो सहयोगियों ने उसकी हत्या कर दी थी। अंकिता भंडारी की मौत के बाद राज्य में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हुआ था। जिसके बाद बीजेपी ने विनोद आर्या को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। इस मामले में पुलकित समेत तीन आरोपी हत्या के आरोपों का सामना कर रहे हैं। 

सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ता के वकील ने जांच की दिशा पर कई सवाल उठाए। इसके साथ ही वकील ने दावा किया कि राज्य पुलिस की जांच में कई कमियां भी हैं। हालांकि, सेठी ने कहा कि इस तरह की याचिका से अच्छा काम कर रही राज्य पुलिस का मनोबल गिरता है।  पुलिस ने 302, 354A, 5(1) जैसी धाराएं तीनों आरोपी पर लगाए हैं। 

उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक और फॉरेंसिक टूल्स के माध्यम से प्रोफेशनल तरीके से जांच की गई है और जांच में पारदर्शिता का ख्याल रखा गया है। इसकी जांच एसआईटी कर रही थी। एसआईटी का नेतृत्व डीआईजी लेवल की महिला आईपीएस अधिकारी थीं। टीम में एसपी लेवल के सदस्य और तकनीकी टीम भी मदद के लिए थी। एसआईटी ने काफी सबूत जुटाए हैं।

सेठी ने कहा कि सात अहम गवाहों के बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज करवाए गए हैं। इसके अलावा डिजिटल सबूत जिसमें सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल फोन डेटा, whatsapp चैट इत्यादि भी जुटाए गए हैं। उन्होंने कहा कि एसआईटी ने इसमें काफी गहन पड़ताल की है और मजबूत केस आरोपियों के खिलाफ बनाया है। यहां तक कि उन्होंने आरोपियों के नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट की इजाजत भी मांगी है जो अभी हाईकोर्ट में पेंडिंग है। सुप्रीम कोर्ट में अब इस मामले की अगली सुनवाई 27 मार्च को होगी। 

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