अंकिता भंडारी केस:दूसरे पक्ष की भी पैरवी कर रहा था सरकारी वकील? अब धामी ने लिया ये निर्णय
अमित सजवाण को सरकार ने 2021 में पांच साल के लिए पौड़ी जिले में सहायक शासकीय अधिवक्ता राजस्व के रूप तैनात किया था। अंकिता भंडारी केस में भी सजवाण ही सरकारी वकील के रूप में पैरवी कर रहे थे।
सरकार ने अंकिता भंडारी मामले में सरकारी वकील अमित सजवाण को हटा दिया है। उन पर सरकारी वकील रहते इसी मामले में दूसरे पक्ष की पैरवी करने का आरोप है। अमित सजवाण को सरकार ने 2021 में पांच साल के लिए पौड़ी जिले में सहायक शासकीय अधिवक्ता राजस्व के रूप तैनात किया था। अंकिता भंडारी केस में भी सजवाण ही सरकारी वकील के रूप में पैरवी कर रहे थे।
अंकिता भंडारी के पिता ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को नाराजगी जाहिर करते हुए पत्र लिखा था,जिसमें सरकारी वकील सजवाण पर आरोप लगाए थे कि वह सरकारी वकील रहते हुए आरोपियों की पैरवी कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार इस शिकायत को देखते हुए अब सरकार ने सजवाण को हटा दिया है। अपर सचिव न्याय आर के श्रीवास्तव की ओर से इस सन्दर्भ में आदेश किये गए हैं।
पिता ने की थी शिकायत
इस मामले में अंकिता के पिता ने राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से शिकायत की थी। उन्होंने अंकिता केस के सरकारी वकील पर दूसरे पक्ष की भी पैरवी करने का आरोप लगाया था। सूत्रों के मुताबिक, इन आरोपों के बाद सीएम धामी ने सरकारी वकील को इस केस से हटा दिया है।
क्या था मामला
दरअसल पिछले साल रिजॉर्ट मालिक और भारतीय जनता पार्टी के पूर्व नेता के बेटे और उसके दोस्त पर अंकिता भंडारी की हत्या करने का आरोप लगा था। अंकिता के साथ रिजॉर्ट मालिक घूमने गया था जिसके बाद नदी में अंकिता की लाश मिली थी। मामला खुलने के बाद दोनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। आरोपी के रिजॉर्ट पर बुल्डोजर भी चलाया गया था।
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