मोबाइल नंबर को लेकर हमेशा रहें सतर्क, ठगों की वजह से कहीं हो न जाए बंद
अगर आप मोबाइल फोन इस्तेमाल कर रहे हैं तो आपको अलर्ट रहने की जरूरत है। ठगों की वजह से आपके मोबाइल नंबर को बंद किया जा सकता है। यही नहीं, शिकायत मिलने पर आपके मोबाइल नंबर को हमेशा के लिए ब्लॉक हो सकता।
अगर आप मोबाइल फोन इस्तेमाल कर रहे हैं तो आपको अलर्ट रहने की जरूरत है। ठगों की वजह से आपके मोबाइल नंबर को बंद किया जा सकता है। यही नहीं, शिकायत मिलने पर आपके मोबाइल नंबर को हमेशा के लिए ब्लॉक भी किया सकता है। जी हां, आपको जानकर हैरानी होगी कि ठगों की सजा आम आदमी का भुगतनी पड़ सकती है।
उत्तराखंड एसटीएफ की बात मानें तो ठगों के तीन हजार नंबर बंद करवा दिए हैं। यह ऐसे नंबर थे, जिनसे पिछले एक साल में उत्तराखंड के लोगों को कॉल की गई। इनके खिलाफ शिकायत भी मिली थी। पांच हजार से ज्यादा एसएमएस हेडर को भी बंद कराया गया है। ताकि, लोग साइबर ठगों के जाल में न फंस सकें।
लेकिन, चिंता की बात है कि अगर ठगों ने आपका मोबाइल नंबर गलती से वेबसाइट पर अपलोड कर दिया तो आपको इसकी शिकायत तुरंत ही करनी चाहिए। ऐसा नहीं करने पर आपके मोबाइन नंबर को बंद किया जा सकता है। उत्तराखंड एसटीएफ के अनुसार, कुछ समय पहले डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम (डॉट) से सर्कुलर जारी हुआ था। इसके तहत डॉट को भेजे जाने वाले मोबाइल नंबर कुछ घंटे बाद ही बंद किए जा रहे हैं।
इस प्रक्रिया को अपनाते हुए एसटीएफ ने उत्तराखंड में ठगी की शिकायतों के साथ दिए गए नंबरों का डाटा जुटाया, जिसे बाद में डॉट को भेजा गया। डॉट से जवाब आया कि ये सभी नंबर अब बंद कर दिए गए हैं। आमतौर पर नंबर बंद होने के बाद इन्हें किसी दूसरे ग्राहक को आवंटित कर दिया जाता है। लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा।
ठग फर्जी वेबसाइट बनाकर डालते हैं नंबर
साइबर ठग वेबसाइट पर नामचीन कंपनी, ई-वॉलेट, बैंकिंग से मिलते-जुलते हेल्पलाइन नंबर डाल देते हैं। फर्जी साइट बनाते हैं। विज्ञापन के रूप में अपनी पोस्ट भी ट्रेंड करवा देते हैं। लिहाजा, लोग ठगी के शिकार हो जाते हैं। अब फर्जीवाड़े से कस्टमर केयर के रूप में गूगल पर डाले जा रहे नंबर भी बंद कराए जा रहे हैं।
जल्द ही अलग से जारी होंगे प्रमोशनल नंबर
एसएसपी के अनुसार, ज्यादातर लोग 10 डिजिट वाले मोबाइल नंबरों से फोन आने के चक्कर में फंस जाते हैं। उन्हें लगता है कि किसी न किसी परिचित या कंपनी से ही फोन आया होगा। आने वाले समय में प्रमोशनल कॉल को नंबर अलग से जारी करने की योजना है। इसके लिए दूरसंचार विभाग को प्रस्ताव भेजा जा रहा है।
साइबर ठग लगातार नए-नए नंबरों से कॉल कर लोगों को चूना लगाते हैं। एक नंबर से ठगी के बाद उसे कुछ समय बंद कर दोबारा शुरू कर देते हैं। ठगों के फोन नंबरों की रिपोर्ट डॉट को भेजकर इनको लॉक (बंद) कराया जा रहा है।
आयुष अग्रवाल, एसएसपी एसटीएफ
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