Hindi Newsउत्तराखंड न्यूज़AIIMS Rishikesh woman doctor sexual harassment : Police save paramedic molestation accused by drive car in hospital waiting area video viral

एम्स ऋषिकेश के वेटिंग एरिया में दौड़ती दिखी पुलिस की जीप, मरीजों में मचा हड़कंप; वीडियो हुआ वायरल

देहरादून के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि महिला डॉक्टर से छेड़छाड़ की घटना के बाद रेजीडेंट डॉक्टरों ने प्रदर्शन किया...ऐसे में आरोपी को सुरक्षित रूप से बाहर लाना और उसे पुलिस थाने तक ले जाना जरूरी था।

Praveen Sharma देहरादून। भाषा, Fri, 24 May 2024 07:25 AM
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उत्तराखंड के ऋषिकेश स्थित एम्स (AIIMS Rishikesh) में नर्सिंग अधिकारी द्वारा कथित तौर पर महिला डॉक्टर से छेड़छाड़ करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने इस घटना के बाद गुस्साए रेजीडेंट डॉक्टरों के प्रदर्शन को देखते हुए आरोपी को भीड़ से बचाने के लिए अस्पताल के वेटिंग एरिया में ही सरकारी कार दौड़ा दी। इस दौरान अस्पताल के सुरक्षा गार्ड स्ट्रेचर्स को रास्ते से हटाने के लिए यहां-वहां भागते दिखे और घबराए मरीज अपने बिस्तरों पर उठकर बैठ गए।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में 20 मई को हुई इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर गुरुवार को सामने आया। वीडियो में पुलिस वाहन दोनों तरफ बिस्तरों की कतारों के बीच वेटिंग एरिया से गुजरता दिखाई दे रहा है। वीडियो में सुरक्षा कर्मी दौड़कर आते और बिस्तरों को एक तरफ धक्का देते पुलिस वाहन के लिए जगह बनाते दिखाई दे रहे हैं, जबकि इस दौरान मरीज और उनके तीमारदार हक्के-बक्के होकर यह देख रहे हैं।

एसएसपी बोले- एम्स प्रबंधन की अनुमति लेकर ऐसा किया

घटना के संबंध में देहरादून के एसएसपी अजय सिंह ने बताया, ‘‘महिला डॉक्टर से छेड़छाड़ की घटना के बाद रेजीडेंट डॉक्टरों ने आक्रोशित होकर प्रदर्शन किया...ऐसे में आरोपी को सुरक्षित रूप से बाहर लाना और उसे पुलिस थाने तक ले जाना जरूरी था। उन्होंने बताया कि आरोपी की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करने के लिए पुलिस वाहन रैंप का इस्तेमाल करके अस्पताल की चौथी मंजिल तक गया। उन्होंने बताया कि ऐसा एम्स प्रबंधन की अनुमति लेकर किया गया।

अस्पताल के मनोरोग वार्ड में भर्ती हो गया था आरोपी

छेड़छाड़ की घटना के तूल पकड़ने के बाद आरोपी नर्सिंग अधिकारी सतीश कुमार अस्पताल के मनोरोग वार्ड में भर्ती हो गया था, जहां से पुलिस ने उसे पकड़ा। पहचान जाहिर नहीं करने का अनुरोध करते हुए एक जूनियर रेजीडेंट डॉक्टर ने बताया कि आरोपी मनोरोग वार्ड में इसलिए भर्ती हो गया क्योंकि वह दिखाना चाहता था कि उसने मानसिक रोग से ग्रस्त होने के कारण यह अपराध किया।

एसएसपी ने कहा कि आरोपी को पुलिस वाहन में चौथी मंजिल से पहली मंजिल तक लाया गया जहां से उसे ‘वेटिंग एरिया’ के जरिये बाहर निकाला गया। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा न किया जाता तो पीटकर मार डालने की घटना भी हो सकती थी। आरोपी ने जूनियर रेजीडेंट महिला डॉक्टर के साथ कथित तौर पर ट्रॉमा वार्ड के ऑपरेशन थियेटर में 19 मई को छेड़छाड़ की थी। पीड़ित डॉक्टर ने 21 मई को पुलिस से शिकायत की, जिसके बाद उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।

अस्पताल ने आरोपी को सस्पेंड किया

एसएसपी ने बताया कि आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपी ने अस्पताल प्रशासन को अपना लिखित माफीनामा दिया। घटना के बाद उसे सस्पेंड कर दिया गया, लेकिन डॉक्टर उसकी बर्खास्तगी की मांग कर रहे हैं।

एम्स की निदेशक मीनू सिंह ने सोशल मीडया मंच 'एक्स' पर कहा कि एक घटना हुई थी जिसमें महिला डॉक्टर से दुर्व्यवहार हुआ और आरोपी मनोरोग वार्ड में भर्ती था। उन्होंने कहा कि डॉक्टर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे और उन्होंने वार्ड का घेराव कर लिया था। निदेशक ने कहा कि आरोपी को बाहर निकालने के लिए पुलिस ने वाहन का इस्तेमाल किया.. हमारी बैट्री ऑपरेटड वाहनों के लिए इस्तेमाल होने वाले रैंप का पुलिस ने इस्तेमाल किया। यह एक आपातकालीन उपाय था और इसमें कोई घायल नहीं हुआ। 

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