आधी आबादी की मंत्रिमंडल में 9% भागीदारी, एडीआर रिपोर्ट में खुले कई राज
महिला सशक्तिकरण का नारा देने वाले राजनीतिक दल महिला जनप्रतिनिधियों को मंत्री मंडल में तवज्जो नहीं देते हैं। यह स्थिति तब है जब देश में लगभग आधी आबादी महिलाओं की है। एडीआर रिपोर्ट में राज खुले हैं।
महिला सशक्तिकरण का नारा देने वाले राजनीतिक दल महिला जनप्रतिनिधियों को मंत्री मंडल में तवज्जो नहीं देते हैं। यह स्थिति तब है जब देश में लगभग आधी आबादी महिलाओं की है। एडीआर के मुताबिक 28 राज्यों व दो केंद्र शासित प्रदेशों के मंत्री मंडल में महिलाओं की भागीदारी नौ फीसदी ही है।
दिल्ली, हिमाचल सहित नौ विधानसभाओं में तो महिला मंत्रियों की भागीदारी शून्य है। उत्तराखंड में भी नौ में से केवल एक महिला को मंत्री की कुर्सी मिली है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने वर्तमान मंत्री परिषद के शपथपत्रों के आधार पर बीते दिनों एक रिपोर्ट जारी की है।
रिपोर्ट के मुताबिक 28 राज्यों व दो केंद्र शासित प्रदेशों के 558 मंत्रियों का विश्लेषण किया गया। इसमें महिला मंत्रियों की संख्या महज 51 है। जबकि पुरुष मंत्रियों की संख्या महिला मंत्रियों की अपेक्षा नौ गुना अधिक यानि 507 है। पश्चिम बंगाल में सर्वाधिक आठ महिलाएं मंत्री हैं। ओडीशा और उत्तर प्रदेश में पांच-पांच महिलाएं मंत्री पद पर विराजमान हैं।
नौ विधानसभाओं में महिलाओं की भागीदारी शून्य
देश की नौ विधानसभाओं में महिला मंत्रियों की भागीदारी शून्य है। इनमें दिल्ली, अरूणाचल, मिजोरम, नागालैंड, मेघालय, गोवा, हिमाचल महाराष्ट्र और सिक्किम शामिल है। इसके अलावा नौ प्रदेशों में एक-एक ही महिला मंत्री है।
28 प्रदेश और दो केंद्र शासित प्रदेशों के वर्तमान मंत्री परिषद के नौ फीसदी ही मंत्री महिलाएं हैं। पश्चिम बंगाल में सर्वाधिक आठ महिला मंत्री हैं। उत्तराखंड में मंत्री पद पर एक महिला विराजमान है।
नवीन मौनी, प्रोग्राम एसोसिएट एडीआर
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