36 करोड़ दिए, किसानों को एक रुपया नहीं मिला, विधानसभा सत्र में विधायक उमेश कुमार ने उठाए सवाल
उसी दिन शासन स्तर पर एक बैठक बुलाकर फैसला भी हो जाता है। कंपनी के खाते के एनपीए होने के बावजूद बिना गांरटी 36 करोड़ का ऋण दे दिया जाता है। उसके बावजूद किसानों को एक रुपया नहीं मिलता।
Assembly Session News Hindi: इकबालपुर चीनी मिल को बिना गारंटी के सहकारी बैंकों से 36 करोड़ ऋण देने पर निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने नियम 58 में सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि, जिस इकबालपुर मिल का खाता एनपीए चल रहा था, उसे गन्ना बकाया भुगतान के नाम पर 36 करोड़ का ऋण दिया गया, उससे किसानों को एक रुपया तक नहीं मिला।
ऊपर से कमिश्नर स्तर से 109 करोड़ के रिकवरी नोटिस को भी निरस्त कर दिया गया। विधायक ने कहा कि वर्ष 2017 से अब तक 109 करोड़ का बकाया भुगतान नहीं किया गया। 12 सितंबर 2019 को कंपनी की ओर से सरकार को ऋण देने के नाम पर एक पत्र लिखा जाता है।
उसी दिन शासन स्तर पर एक बैठक बुलाकर फैसला भी हो जाता है। कंपनी के खाते के एनपीए होने के बावजूद बिना गांरटी 36 करोड़ का ऋण दे दिया जाता है। उसके बावजूद किसानों को एक रुपया नहीं मिलता।
तय हुआ था कि 70 हजार कुंतल शीरा बेच कर भुगतान होगा, वो भी नहीं हुआ। 65 करोड़ की चीनी बेच कर भुगतान होना था, गोदामों में वो चीनी ही नहीं मिली। अब रेलवे ने कंपनी की भूमि का अधिग्रहण कर 50 करोड़ का भुगतान करना है, उसे जब्त कर किसानों को भुगतान किया जाए। पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच हो।
गन्ना मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि इकबालपुर चीनी मिल का प्रकरण हाईकोर्ट में लंबित है। एस्क्रो एकाउंट खुलवा दिया गया है। चीनी चोरी होने पर मैनेजमेंट पर केस दर्ज करा दिया गया है। रेलवे से जैसे ही भूमि अधिग्रहण का पैसा मिलेगा, उससे किसानों को भुगतान सुनिश्चित कराया जाएगा।
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