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एम्स के डॉक्टरों ने बच्चों को किया सम्मानित

एम्स ऋषिकेश के डॉक्टरों ने जन्मजात दिल की बीमारियों से ठीक हुए बच्चों को सम्मानित किया और उन्हें खेल-खिलौने देकर पुरस्कृत किया। एम्स में इन बीमारियों का निःशुल्क इलाज उपलब्ध है। कार्यक्रम में कई...

Newswrap हिन्दुस्तान, रिषिकेषTue, 3 Sep 2024 12:42 PM
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जनजागरूकता कार्यक्रम के तहत एम्स ऋषिकेश के डाक्टरों ने मंगलवार को कुछ बच्चों के साथ न केवल अपनी मुस्कुराहट बांटी बल्कि उन्हें खेल-खिलौने देकर पुरस्कृत भी किया। ये सभी वो बच्चे हैं, जिन्हें जन्मजात दिल की बीमारियां थीं और एम्स के सीटीवीएस विभाग में इलाज होने के बाद अब वह खुशनुमा स्वस्थ जीवन बिता रहे हैं। एम्स में हृदय, छाती एवं रक्त वाहिनी शल्य चिकित्सा विभाग (सीटीवीएस) के अधीन जन्मजात दिल की बीमारियों से ग्रसित छोटे बच्चों का इलाज भी किया जाता है। ठीक होने के बाद अपने परिवार के साथ खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे ऐसे बच्चों को सीटीवीएस विभाग द्वारा एक कार्यक्रम के तहत सम्मानित किया गया। संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने कहा कि अभिभावकों को चाहिए कि वो जन्मजात दिल की बीमारियों से ग्रसित बच्चों को बोझ न समझें। बच्चे भगवान का रूप होते हैं। जन्मजात बीमारियों का यदि समय रहते इलाज करवा दिया जाय तो आगे चलकर ऐसे बच्चे भी खुशहाल जीवन जी सकते हैं। उन्होंने कहा कि दिल की जन्मजात बीमारियों वाले बच्चों का एम्स ऋषिकेश में सम्पूर्ण इलाज उपलब्ध है। यह इलाज सरकार की योजना के तहत निःशुल्क किया जाता है। सीटीवीएस विभाग की एडिशनल प्रोफेसर और कार्यक्रम की आयोजन अध्यक्ष डॉ. नम्रता गौर ने बताया कि जन्मजात बीमारियों में शरीर का रंग अचानक नीला पड़ना और दिल मे छेद का होना प्रमुख तौर से शामिल हैं। दोनों ही बीमारियां घातक हैं। उन्होंने बताया कि पिछले एक वर्ष के दौरान विभाग द्वारा ऐसे लक्षणों वाले 40 से अधिक बच्चों का इलाज किया जा चुका है। बताया कि ऐसे बच्चों का तीन वर्ष की उम्र से पहले इलाज करवा देना चाहिए अन्यथा इलाज के अभाव में आगे चलकर उनका जीवन खतरे में पड़ सकता है। कार्यक्रम को डीन एकेडेमिक प्रो. जया चतुर्वेदी, चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव कुमार मित्तल, संस्थान के उप निदेशक (प्रशासन) ले. कर्नल अमित पराशर, सीटीवीएस विभाग के हेड डॉ. अंशुमान दरबारी, डॉ. संतोष कुमार, डज्ञॅ. प्रतीक, डॉ. यश श्रीवास्तव और डॉ. दानिश्वर मीणा आदि ने संबोधित किया। कार्यक्रम में डॉ. भानु दुग्गल, डॉ. एनके भट्ट, डॉ. रविकान्त, डॉ. शैलेन्द्र हाण्डू, डॉ. प्रशान्त पाटिल, डॉ. वरुण, डॉ. अजय मिश्रा, डॉ. प्रदीप कुमार अग्र्रवाल सहित कई अन्य विभागों के चिकित्सक और प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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