‘बागेश्वर के खान अधिकारी को हटाएं, खनन मशीनें जब्त करें’; HC ने क्यों लगाई अधिकारियों को फटकार
बागेश्वर जिले की तहसील कांडा के कई गांवों में खड़िया खनन को लेकर हाईकोर्ट सख्त हो गया है। गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान मौजूद अधिकारियों को कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई।
बागेश्वर जिले की तहसील कांडा के कई गांवों में खड़िया खनन को लेकर हाईकोर्ट सख्त हो गया है। गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान मौजूद अधिकारियों को कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई। साथ ही जिला खान अधिकारी का तबादला करने के निर्देश दिए। हाईकोर्ट ने कांडा के कई ग्रामों में खड़िया खनन से आई दरारों के मामले का स्वत संज्ञान लेकर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. नरेंदर व वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ में गुरुवार को डीएम बागेश्वर, जिला खनन अधिकारी, खनन सचिव व्यक्तिगत रूप से पेश हुए।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उपस्थित अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा, कि खान अधिकारी का तुरंत तबादला करें। हाईकोर्ट ने बागेश्वर के एसपी से खनन पर लगी सभी मशीनों को सीज कर अपनी रिपोर्ट आज (शुक्रवार) को कोर्ट में पेश करने को भी कहा। सुनवाई के दौरान कोर्ट कमिश्नर ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। जिसमें कहा गया था कि खड़िया खनन करने वालों ने वनभूमि के साथ सरकारी भूमि में भी नियम विरुद्ध जाकर खनन किया था। पहाड़ी दरकने लगी है। कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। इसकी कई फोटोग्राफ व वीडियो रिपोर्ट भी कोर्ट में पेश की गई।
रोक के बाद भी चलता रहा खनन
हाईकोर्ट की ओर से मामले में नियुक्त न्यायमित्र दुष्यंत मैनाली ने बताया कि कोर्ट ने 6 जनवरी को खड़िया खनन पर रोक लगा दी थी। लेकिन वहां के ग्रामीणों ने उन्हें बताया कि छह जनवरी की ही रात को खड़िया खनन हुआ। बाकायदा खनन पोर्टल खोलकर ट्रांसपोर्टेशन परमिट तक जारी हुआ। माल को अगले दिन सुबह ट्रांसपोर्ट भी किया गया। कहा कि कई जगह खनन चल रहा था।
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