जनसम्मेलन में प्रस्तावित यूसीसी रद्द करने की मांग
रामनगर में आयोजित जनसम्मेलन में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को रद्द करने की मांग की गई। इसे महिलाओं और अल्पसंख्यकों के खिलाफ बताया गया। सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर ने कहा कि यूसीसी...
रामनगर। संवाददाता जनसम्मेलन में समान नागरिक संहिता को रद्द करने की मांग की गई। यूसीसी को विचारों की विभिन्नता को नष्ट करने की साजिश का आरोप लगाया गया और लोगों ने इसे महिलाओं और अल्पसंख्यकों के खिलाफ बताया।
शनिवार को पायते वाली रामलीला में जनसम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन समाजवादी लोक मंच के संयोजक मुनीष कुमार ने किया। सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर ने कहा कि प्रस्तावित यूसीसी कानून लोगों की सघन निगरानी के लिए ही ऐसा टूल है जो आधार कार्ड से होते हुए यहां तक पहुंच चुका है। यूसीसी से सरकार लोगों की छोटी छोटी निजी जानकारियां अपने पास रखकर उन्हें भविष्य में उत्पीड़न के हथियार के तौर पर इस्तेमाल करेंगी। सरकार को यदि वाकई महिलाओं की चिंता है तो वह उन लोगों की लिस्ट बनाकर,उनके ऊपर निगरानी रखे जो अपने घर में पत्नी, बहन, बेटियों व मां को पीट रहे हैं। सम्मेलन में सरकार के जनता पर थोपी जा रही समान नागरिक संहिता को रद्द करने का प्रस्ताव पारित किया गया। वहीं सम्मेलन में 27 दिनों से रुद्रपुर में आमरण अनशन पर कर रही महिला मजदूरों के संघर्ष को समर्थन किया गया। इस मौके पर महिला मंच की निर्मला बिष्ट, चंद्रकला, चेतना आंदोलन के शंकर गोपाल, भाकियू एकता उग्राहां के अध्यक्ष बल्ली सिंह चीमा, रचनात्मक महिला मंच की आसना श्रमयोग, वन पंचायत संघर्ष मोर्चा के तरुण जोशी, महिला किसान अधिकार मंच की हीरा जंगपांगी, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के प्रभात ध्यानी, पीसी तिवारी, भाकपा माले के कैलाश जोशी, मजदूर सहयोग केंद्र के मुकुल,पीपी आर्य आदि मौजूद थे।
फोटो 17आरएमएन03पी-शनिवार को रामनगर में आयोजित जनसम्मेलन कार्यक्रम में मौजूद लोग।
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