जहरीले कोबरा सांप ने ऐसा काटा कि ठप हुई दिमाग-छाती, डॉक्टरों की 10 दिन की कड़ी मेहनत के बाद बची जान
- इस सांप काटने से दिमाग काम करना बंद कर देता है, हार्ट फेल हो जाता है, खून लगातार बहता चला जाता है। सांप के काटने के बाद मरीज बेहोश गया था और रेस्पिरेटरी फेलियर में चला गया था। मरीज को तुरंत आईसीयू में शिफ्ट कर वेंटिलेटर से कनेक्ट कर इलाज शुरू किया गया।
खतरनाक और जहरीले सांप कोबरा ने एक युवक को काट लिया और उसका दिमाग एवं रेस्पिरेटरी सिस्टम ठप हो गया। हालत गंभीर होने पर वह वेंटीलेटर पर चला गया। दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टरों ने आईसीयू में वेंटीलेटर पर दस दिन की मेहनत के बाद उसे नई जिंदगी दी।
अस्पताल के मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. कुमार जी कौल के अंडर में यह मरीज 17 अगस्त को भर्ती हुआ था। उनकी टीम में सीनीयर पीजी जेआर डॉ. प्रशांत और डॉ. मधुरिका शामिल थे। डॉ. कौल के मुताबिक मरीज चंदन 38 वर्ष निवासी गोविंदगढ़ को डोईवाला मे कोबरा सांप ने काट लिया था।
जो जहरीला होता है। इस सांप काटने से दिमाग काम करना बंद कर देता है, हार्ट फेल हो जाता है, खून लगातार बहता चला जाता है। सांप के काटने के बाद मरीज बेहोश गया था और रेस्पिरेटरी फेलियर में चला गया था। मरीज को तुरंत आईसीयू में शिफ्ट कर वेंटिलेटर से कनेक्ट कर इलाज शुरू किया गया।
जहर कम करने, रेस्पिरेटरी और दिमाग का सिस्टम ठीक करने को इंजेक्शन दिए गए। लगातार मॉनीटिरिंग की गई। 26 अगस्त को मरीज को दस दिन की कड़ी मेहनत से ठीक कर डिस्चार्ज कर दिया। प्राचार्य डॉ. गीता जैन, एमएस डॉ. अनुराग अग्रवाल, डीएमएस डॉ. धनंजय डोभाल, एचओडी डॉ. केसी पंत ने टीम को सराहा।
दून में एआई तकनीक से बुजुर्ग के दिल की सर्जरी
दून अस्पताल की कैथलेब में एक 70 वर्षीय बुजुर्ग मरीज की एआई तकनीक की मदद से दिल की सफल सर्जरी की गई। मरीज की 12 साल पहले बाईपास सर्जरी हुई थी, दोबारा हार्ट अटैक होने पर एंजीयोप्लास्टी की गई।
कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ. अमर उपाध्याय ने बताया कि 70 वर्षीय मरीज अबरार अहमद ने कुछ दिन पहले अपनी दवाएं लेना बंद कर दिया था। हाल ही में उनको सीने में तेज दर्द हुआ। दून अस्पताल में ओपीडी में जांच करने पर दोबारा हार्ट अटैक की पुष्टि हुई।
उनकी एंजियोग्राफी में कई ब्लॉकेज निकले, लेकिन किस ब्लॉकेज की वजह से अटैक पड़ा है, ये पता नहीं चल पा रहा था। उनकी सी टी एंजियोग्राफी की गई। उसे रजिस्ट्रेशन सॉफ्टवेर की मदद से एक वीनस ग्राफ्ट में स्टेंट लगाया गया।
दो दिनों के बाद उन्हें डिस्चार्ज किया गया। डॉ. उपाध्याय के मुताबिक रजिस्ट्रेशन सॉफ्टवेयर एक एआई बेस्ड सॉफ्टवेयर है, जिससे सीटी इमेज को फ्लोरिस्कोपिक इमेज के साथ फ्यूजकर के रियल टाइम देखा जा सकता है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।