निवर्तमान चेयरमेन के ओबीसी के प्रमाण पत्र पर घमासान
बाजपुर नगरपालिका की ओबीसी आरक्षित सीट के लिए कांग्रेस में टिकट के दावेदारों के बीच घमासान मचा है। निवर्तमान पालिकाध्यक्ष के ओबीसी सर्टिफिकेट को फर्जी करार देते हुए चार दावेदारों ने एसडीएम से शिकायत की...
बाजपुर नगरपालिका की सीट ओबीसी के लिए आरक्षित होने के बाद कांग्रेस पार्टी में टिकट के दावेदारों के बीच घमासान मचा हुआ है। चेयरमेन पद के चार संभावित दावेदारों ने निवर्तमान पालिकाध्यक्ष के ओबीसी सर्टिफिकेट को फर्जी करार देते हुए एसडीएम से शिकायत की है। एसडीएम ने जांच के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन कर दिया है। समिति से चार दिन में रिपोर्ट मांगी गई है। बाजपुर में पिछले दो दशक से नगरपालिका अध्यक्ष की सीट पर कांग्रेस का कब्जा है। इस बार ये सीट ओबीसी के लिए आरक्षित होने से कांग्रेस में ही कई और दावेदार खुलकर सामने आ गए हैं। इन दावेदारों ने निवर्तमान पालिकाध्यक्ष पर तथ्यों को छिपाकर ओबीसी का जाति प्रमाण बनवाने का आरोप लगाया है। शनिवार को कांग्रेस के संभावित ओबीसी प्रत्याशी प्रेम यादव, रेशम यादव, महेश कुमार आशु तथा महीपाल यादव और अन्य कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ एसडीएम कोर्ट पहुंचे। उन्होंने ओबीसी जाति के प्रमाण पत्र की जांच कराने की मांग की। एसडीएम ने तहसीलदार के नेतृत्व में चार सदस्यीय जांच कमेटी बनाकर जांच कराने का आश्वासन दिया। शिकायत करने वालों का कहना है कि अगर निष्पक्ष जांच नहीं हुई तो वह इस मामले को लेकर साक्ष्यों के साथ कोर्ट जाएंगे।
मेरा जाति प्रमाण पत्र सही बना हुआ है, लोग चाहते हैं तो इसकी जांच करा लें जांच में जो होगा वो मान्य होगा।
-गुरजीत सिंह गित्ते, निवर्तमान पालिकाध्यक्ष बाजपुर
मेरे पास लिखित शिकायत आई है। कुछ लोगों ने निवर्तमान पालिकाध्यक्ष के खिलाफ जाति प्रमाण पत्र की शिकायत की है, जिसकी जांच के लिए तहसीलदार के नेतृत्व में चार सदस्यों की कमेटी बना दी है, जिनको चार दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट देने को कहा है।
-अमृता शर्मा, एसडीएम बाजपुर।
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