सनातन काल से ही रही है ज्योतिष विद्या की महत्ता
हल्द्वानी संवाददाता। भारतीय ज्योतिष विज्ञान परिषद, चेन्नई के तत्वावधान में श्री सनातन धर्म संस्कृत महाविद्यालय
हल्द्वानी, संवाददाता। भारतीय ज्योतिष विज्ञान परिषद, चेन्नई के तत्वावधान में श्री सनातन धर्म संस्कृत महाविद्यालय में आयोजित तीन दिवसीय पंचांग ज्ञान कार्यशाला का रविवार को समापन हुआ। कार्यशाला में लोगों ज्योतिष विद्या के विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी गई। समापन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सनातन धर्म संस्कृत महाविद्यालय के अध्यक्ष मोहन गिरी गोस्वामी ने कहा कि सनातन काल से ज्योतिष विद्या का ज्ञान अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है, इसे बनाए रखना आवश्यक है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे ज्योतिषी अशोक वार्ष्णेय ने कहा कि कार्यशाला का उद्देश्य ज्योतिष विद्या के महत्व का प्रसार, लोगों में आध्यात्मिक जागृति उत्पन्न करना और भारतीय वेदों की बहुमूल्य जानकारी को जन-सामान्य तक पहुंचाना है। मुख्य प्रशिक्षक जगत प्रकाश त्रिपाठी ने भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने का ऐलान किया है। संयोजक प्राचार्य मनोज कुमार पाण्डेय ने प्रशिक्षकों का आभार अताया। इस मौके पर विनोद जोशी, अमित जोशी, शीला त्रिपाठी, विनीता काण्डपाल, लक्ष्मी उप्रेती, केएन उपाध्याय, एनबी बचखेती, मोहित जोशी, डॉ. नारायण दत्त थुवाल आदि मौजूद रहे।
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