स्पेशल बीएड, टीईटी धारकों को हाईकोर्ट से राहत नहीं
सुनवाई -प्राथमिक स्कूलों की अध्यापक भर्ती में प्राथमिकता दिए जाने संबंधी याचिका खारिज -सुप्रीम कोर्ट
सुनवाई -प्राथमिक स्कूलों की अध्यापक भर्ती में प्राथमिकता दिए जाने संबंधी याचिका खारिज
-सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा, सर्वोच्च अदालत ने नहीं मानी हैं ये योग्यताएं जरूरी
नैनीताल, संवाददाता। स्पेशल बीएड एवं टीईटी धारकों को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने प्राथमिक स्कूलों की अध्यापक भर्ती में प्राथमिकता दिए जाने संबंधी याचिका को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा है, जिसमें स्पेशल बीएड और टीईटी योग्यताओं को प्राथमिक विद्यालयों के लिए आवश्यक नहीं बताया है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने मंगलवार को विभिन्न मामलों में सुनवाई करने के बाद देवेश शर्मा की अपील पर सुप्रीम कोर्ट के दिए आदेश के आधार पर इन अभ्यर्थियों की याचिकाओं को खारिज कर दिया है। मामले के अनुसार, गोपाल सिंह गौनिया एवं अन्य ने हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर कर कहा था कि उनके पास प्राथमिक विद्यालयों के अध्यापक नियुक्त होने की पूरी योग्यता है। इसके लिए उन्होंने स्पेशल बीएड एवं टीईटी की परीक्षा भी उत्तीर्ण की है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि राज्य सरकार ने संबंधित पदों को भरने के लिए पूर्व में विज्ञप्ति जारी की और उनके आवेदन स्वीकार भी किए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आधार पर उनके आवेदन निरस्त कर दिए गए। याचिकाकर्ताओं ने अनुरोध किया था कि उन्हें प्राथमिक स्कूलों की अध्यापक भर्ती में प्राथमिकता दी जाए। इसी बीच कुछ अभ्यर्थियों ने इस विज्ञप्ति को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्पेशल बीएड और टीईटी की आवश्यकता प्राथमिक विद्यालयों के लिए जरूरी नहीं है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।