उत्तराखंड के प्रत्येक जिले में एक आयुष मॉडल गांव बनेगा : धामी
दून में हुआ 10वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस का शुभारंभ सीएम धामी व केंद्रीय आयुष
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य के प्रत्येक जिले में एक गांव को आयुष मॉडल गांव के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके जरिए आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के उत्पादन को बढ़ावा देने का प्रयास किया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने गुरुवार को परेड ग्राउंड में 10वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस और आरोग्य एक्सपो 2024 का शुभारंभ किया। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि सरकार राज्य में आयुष और वेलनेस को बढ़ावा देने का काम कर रही है। आयुष के क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के साथ ही शोध और औषधीय पादपों के उत्पादन पर फोकस किया जा रहा है। राज्य में आयुष नीति लागू की गई है और इसके तहत आयुष के सभी सेक्टरों पर फोकस किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जल्दी ही आयुष टेली कंसल्टेशन शुरू किया जाएगा। इसके साथ ही प्रदेश में 50 नए योग और वेलनेस केंद्र स्थापित करने का भी काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने एक्सपो का शुभारंभ करने के बाद स्टॉल का भी निरीक्षण किया।
राज्य में लागू होगी देश की पहली योग नीति
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार आयुष के साथ ही योग को बढ़ावा देने का काम कर रही है। इसके लिए राज्य में योग नीति बनाने का काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देश में योग नीति को लागू करने वाला प्रथम प्रदेश बनने जा रहा है। उन्होंने कहा कि योग नीति आयुर्वेद और योग को व्यापक स्तर पर साथ लोकर स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई क्रांति लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि योग और आयुर्वेद की ताकत कोविड काल में पूरी दुनिया देख चुकी है। जब चिकित्सा की सभी पद्धतियां इलाज में असमर्थ नजर आ रही थी उस समय योग और आयुर्वेद की वजह से बड़ी संख्या में लोगों को राहत मिल पाई थी।
उत्तराखंड में जल्द खुलेगा अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार ने उत्तराखंड में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा है। यह संस्थान आयुर्वेद शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री ने विशेषज्ञों से आह्वान करते हुए कहा कि हमारी जड़ी-बूटियों के हिंदी नामों के साथ ही अंग्रेजी नामों को भी प्रचारित किया जाए। इससे स्थानीय जड़ी बूटियों की वैश्विक बाजार तक पहुंच आसान होगी। उन्होंने कहा कि पहाड़ में हम 'किलमोड़े' को जानते है लेकिन उसके अंग्रेजी नाम 'बेरीबेरीज' को अधिकतर लोग नहीं जानते। जबकि इस नाम को पूरा विश्व जानता है और इससे बहुत सारी दवाएं बनती हैं। इसलिए अंग्रेजी नाम भी प्रचारित किया जाना चाहिए।
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यह सम्मेलन आयुर्वेद के क्षेत्र में परस्पर ज्ञान साझा करने व विभिन्न शोध कार्यों को बढ़ावा देने में मदद देगा। इसके साथ ही इससे चिकित्सा के क्षेत्र में आपसी सहयोग और व्यापार के नए अवसरों को भी बढ़ावा मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन से राज्य सरकार आयुर्वेद के विस्तार के लिए निरंतर कार्य कर रही है। राज्य में 300 आयुष्मान आरोग्य केंद्रों का संचालन हो रहा है
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री
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