पुरानी पेंशन बहाली को सचिवालय पर गरजे कर्मचारी
देहरादून में कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर रैली निकाली। परेड ग्राउंड से सचिवालय की ओर बढ़ते हुए, पुलिस के साथ धक्का-मुक्की हुई। मोर्चा ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ओपीएस बहाल नहीं...
परेड ग्राउंड से सचिवालय तक कर्मचारियों ने निकाली रैली जल्द ओपीएस बहाली न होने पर सीएम आवास कूच की चेतावनी
देहरादून, मुख्य संवाददाता।
पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर सोमवार को देहरादून की सड़कों पर राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली मोर्चा से जुड़े कर्मचारियों का हुजूम उमड़ा। परेड ग्राउंड से कर्मचारियों ने सचिवालय कूच किया। ओपीएस बहाली की मांग को लेकर सचिवालय से पहले सुभाष रोड पर लगाए गए बेरिकेडिंग पर कर्मचारियों की पुलिस कर्मियों के साथ जमकर धक्का मुक्की हुई। मोर्चा ने जल्द ओपीएस बहाली न होने पर सीएम आवास कूच की चेतावनी दी।
तयशुदा कार्यक्रम के तहत प्रदेश भर से आए कर्मचारी सोमवार को परेड ग्राउंड में जुटे। यहां ढोल, दमाऊ के साथ कर्मचारियों ने सचिवालय कूच किया। कर्मचारियों की भीड़ को देखते हुए पूरे समय पुलिस साथ साथ मुस्तैद रही। सुभाष रोड पर लगाए गए बेरिकेडिंग पर भी बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी तैनात रहे। यहां कर्मचारियों को आगे बढ़ने से रोकने में पुलिस के पसीने छूट गए। कर्मचारियों ने बेरिकेडिंग पर चढ़ कर जमकर विरोध जताया।
राष्ट्रीय अध्यक्ष बीपीएस रावत ने कहा कि सरकार कर्मचारियों के सब्र का इम्तिहान न ले। देहरादून में निकाली गई रैली अभी सिर्फ ट्रेलर है। भविष्य में परिजनों के साथ सड़कों पर उतरा जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष जयदीप रावत ने कहा कि कर्मचारियों के साथ किसी भी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए। सरकार की गलत नीतियों के कारण मौजूदा समय में कर्मचारियों को तीन तीन तरह की पेंशन से जोड़ा जा रहा है। कुछ कर्मचारियों को पुरानी पेंशन दी जा रही है। कुछ को नई पेंशन स्कीम तो कुछ को यूपीएस से जोड़ने की तैयारी है।
कार्यकारी अध्यक्ष मनोज अवस्थी ने कहा कि सरकार अधिक विकल्पों पर माथापच्ची करने की बजाय सीधे ओपीएस को लागू करे। प्रदेश प्रभारी विक्रम सिंह रावत ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली तक ये आंदोलन जारी रहेगा। केंद्र और राज्य सरकारें जल्द कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ सुनिश्चित कराएं। महामंत्री सीताराम पोखरियाल ने कहा कि आने वाले समय में इस आंदोलन को सामाजिक आंदोलन में तब्दील कर दिया जाएगा। समाज के सभी वर्गों को इससे जोड़ा जाएगा। क्योंकि पुरानी पेंशन कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा से जुड़ा विषय भी है। मुख्यमंत्री के पीआरओ राजेश सेठी को कर्मचारियों ने सीएम को संबोधित ज्ञापन सौंपा।
विरोध जताने वालों में ये रहे शामिल
पूर्णानंद नौटियाल, राम सिंह चौहान, आशीष जोशी, रमेश पैन्यूली, मुकेश बहुगुणा, सोहन सिंह रावत, अशोकराज उनियाल, गिरीश पनेरु, आनंद सिंह पुजारी, जगदीश बिष्ट, पंकज बधानी, श्याम सिंह सरियाल, हेमंत पैन्यूली, संजय बिजल्वाण, महादेव मैठाणी, संदीप मौर्य, अनंत राम शर्मा, गोविंद सिंह नेगी, रंजीता विश्वकर्मा, संगीता जोशी, बबीता रानी, निर्मला राणा, मंजू असवाल, वंदना भट्ट, रोहित जोशी, अभिषेक नवानी, राजीव उनियाल, पूरण फर्स्वाण, अंकित रौथाण, लक्ष्मण सिंह सजवाण, त्रिलोक सिंह रावत, अवधेश सेमवाल, सुरेंद्र बछेती, लक्ष्मण रावत, जसपाल सिंह रावत, युद्धवीर सिंह, सतीश कुमार, बृजमोहन रावत, कीर्ति भट्ट, राकेश रावत, सौरभ नौटियाल आदि मौजूद रहे।
नेताओं की पेंशन कब होगी बंद
उत्तराखंड पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन के संरक्षक पंचम सिंह बिष्ट ने कहा कि जब विधायक, सांसद को बेहद कम समय के चयन पर भी पूरे जीवन पेंशन का लाभ दिया जा सकता है, तो 35 साल नौकरी करने वाले से क्यों भेदभाव हो रहा है। कर्मचारियों को भी जल्द ओपीएस का लाभ दिया जाए।
इन संगठनों की रही भागीदारी
राजकीय शिक्षक संघ, मिनिस्टीरियल फैडरेशन, राजकीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी फार्मासिस्ट एसोसिएशन, अशासकीय माध्यमिक शिक्षक संघ, एनसीसी मिनिस्टीरियल अधिकारी कर्मचारी सर्विस एसोसिएशन, पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन।
विभागों में कामकाज रहा प्रभावित
कर्मचारियों के सचिवालय कूच में शामिल होने से विभागों का कामकाज भी प्रभावित रहा। लोनिवि, परिवहन, शिक्षा, कलक्ट्रेट समेत अन्य विभागों में कामकाज बाधित रहा।
स्कूली बच्चे हुए परेशान
पुलिस ने बेरिकेडिंग ठीक सुभाष रोड पर सेंट जोसेफ स्कूल के पास लगाया। ऐसे में दोपहर में स्कूल की छुट्टी के समय बच्चों और परिजनों को परेशान होना पड़ा। सुभाष रोड की जगह राजपुर रोड से बच्चों को लेकर जाना पड़ा। पूरे समय अभिभावक इधर से उधर भटकते रहे।
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