मौसम सुहावना होते ही चोपता और तुंगनाथ हुए गुलजार
तुंगनाथ में भगवान शिव की भुजाओं के होते हैं दर्शन तुंगनाथ में भगवान शिव की भुजाओं के होते हैं दर्शन
पहाड़ी क्षेत्रों में मौसम सुहावना होने के बाद पर्यटन व धार्मिक स्थल गुलजार हो गए हैं। चोपता और तुंगनाथ में हजारों सैलानी पहुंचे हैं। इससे स्थानीय रोजगार को बढ़ावा मिलने से लोगों के चेहरों पर रौनक बिखरी है। तुंगनाथ में भगवान शिव की आराधना के लिए दक्षिण भारत सहित देश के विभन्न राज्यों से हजारों श्रृद्धालु आए हैं। अगस्त व सितंबर माह में बरसात के कारण बदरीनाथ व हेमकुंड धार्मिक स्थलों पर तीर्थ यात्रियों की संख्या में भारी कमी आई थी। इसके अलावा पर्यटन स्थल भी सूने पड़े थे। लेकिन, अब मौसम सुहावना होने के बाद गढ़वाल के पर्यटन स्थलों में पर्यटकों की आवाजाही बढ़ गई है। गोपेश्वर-मंडल रोड़ पर चोपता से करीब चार किलोमीटर की चढ़ाई पार करने के बाद तुंगनाथ पहुंचने पर पर्यटक खुशी से झूम रहे हैं। हरे-भरे बुग्याली क्षेत्र होने से वहां पर्यटकों की भीड़ लगी है। कठिन चढ़ाई चढने के बाद मंदिर में भगवान शिव के दर्शन कर भक्त भाव विभोर हो रहे हैं। तुंगनाथ को पंचकेदारों में तृतीय केदार के नाम से जाना जाता है। यहां पर भगवान शिव की भुजाओं के दर्शन होते हैं। वहीं, चोपता भी प्रमुख पर्यटन स्थल है। यहां प्रतिवर्ष हजारों सैलानी पहुंचते हैं। तुंगनाथ जाने वाले श्रृद्धालु चोपता से ही अपनी करीब चार किलोमीटर की पैदल यात्रा शुरू करते हैं। यहां पर सड़क किनारे एक हजार से अधिक सैलानियों के वाहन रूके हैं। उमेश भट्ट, अजय कप्रवाण, दिनेश थपलियाल, मुकेश आदि ने बताया कि चोपता और तुंगनाथ में देश के विभिन्न क्षेत्रों से लोग पहुंचे हैं। इसके अलावा बेनीताल, रूपकुंड, वेदनी व आली बुग्याल, औली, लोहाजंग आदि पर्यटन स्थलों में भी पर्यटकों की भीड़ लगी है।
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