देश-प्रदेश की ऐतिहासिक धरोहरों की शिक्षा नहीं ले पाएंगे छात्र
एसएसजे विवि के छात्र अब पुरातत्व की पढ़ाई नहीं कर पाएंगे। नई शिक्षा नीति के तहत, राज्य के तीनों विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में पुरातत्व विषय को शामिल नहीं किया गया है। इससे छात्रों को इतिहास में कुछ...
एसएसजे विवि के छात्र-छात्राएं अब देश-प्रदेश की एतिहासिक धरोहरों की शिक्षा नहीं ले पाएंगे। नई शिक्षा नीति के तहत जारी राज्य के तीनों विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में पुरातत्व विषय को शामिल नहीं किया गया है। इससे विश्वविद्यालय में पुरातत्व की पढ़ाई होनी बंद हो जाएगी। राज्य के तीनों विवि एसएसजे, श्रीदेव सुमन और कुमाऊं यूनिवर्सिटी में शासन के निर्देशों पर नई शिक्षा नीति के तहत नया पाठ्यक्रम भी तैयार किया गया है। लेकिन नए पाठ्यक्रम में स्नातक और स्नातकोत्तर दोनों स्तरों पर एसएसजे में चलने वाले पुरातत्व विषय को शामिल नहीं किया गया है। इसके एवज में इतिहास विषय में मात्र कुछ चेप्टर ही पुरातत्व के रखे गए हैं। इससे एसएसजे के छात्र पुरातत्व विषय की पढ़ाई नहीं कर सकेंगे। वहीं, अभी बीए तृतीय सेमेस्टर में पढ़ रहे छात्रों को पुरातत्व की जगह मजबूरन दूसरे विषय की पढ़ाई करनी पड़ेगी। इसका सीधा असर पुरातत्व को लेकर होने वाले शोधों पर पड़ेगा। बता दें कि पूरे उत्तराखंड में केवल अल्मोड़ा के एसएसजे परिसर और गढ़वाल विवि का श्रीनगर कॉलेज में ही पुरातत्व विषय का संचालन किया जाता था।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।