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‘उत्तराखंड के चार जिलों में जंगल बचा रहे हैं फायर फाइटर्स

वन चेतना केंद्र में द हंस फाउंडेशन और वन विभाग द्वारा अग्नि प्रबंधन की कार्यशाला आयोजित की गई। उत्तराखंड के चार जिलों में वनाग्नि रोकने के लिए स्वयंसेवी फायर फाइटर्स को प्रशिक्षण दिया गया। वक्ताओं ने...

Newswrap हिन्दुस्तान, अल्मोड़ाWed, 18 Sep 2024 02:38 PM
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वन चेतना केंद्र में बुधवार को द हंस फाउंडेशन और वन विभाग की ओर से अग्नि प्रबंधन के फायर फाइटर्स के वॉलेंटियर्स की कार्यशाला हुई। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड के चार जिलों में वनाग्नि रोकने के लिए फायर फाइटर्स जुटे रहते हैं। इसके सकारात्मक परिणाम भी दिखाई दे रहे हैं। कार्यशाला में ज्योली सिलिंग, टाटिक, मलेरा, मनाऊ के फायर फाइटर को प्रशिक्षण दिया गया। हंस फाउंडेशन के सीडीएस रजनीश रावत ने बताया कि दस ब्लॉकों से स्वयंसेवी फायर फाइटर्स का चयन किया गया हैं। जिन्हें वनाग्नि रोकथाम के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। रेंजर मोहन राम ने वनाग्नि के कारण बताए। एसडीआरएफ एसआई पंकज डंगवाल ने वनाग्नि के दुष्प्रभावों की जानकारी दी। कहा कि वनाग्नि से वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, भूस्खलन की घटनाएं बढ़ती हैं। अग्निशमन अधिकारी महेश चंद्र ने आग बुझाने के तरीके बताए। रेजर सिविल सोयम दीपक पंत, वन बीट अधिकारी पूनम पंत ने फायर लाइन की जानकारी और फायदे बताए। यहां किशन सिंह, हरी सिंह, प्रकाश, मोनिका, कल्पना, संतोष सिंह, हरीश चंद्र, इंद्रा मर्तोलिया, इंद्र गोस्वामी, चंद्रेश पंत, अनिता कनवाल, दीपक, शंकर, राजेंद्र आदि मौजूद रहे।

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