8 साल बाद बारिश की एक-एक बूंद के लिए तरसे, अक्तूबर में गूजरा सूख; क्या है उत्तराखंड का मौसम पूर्वानुमान
- पंतनगर मौसम केंद्र की रिपोर्ट की बात करें तो इससे पहले 2017 में अक्तूबर बिना बारिश के गुजरा था। अब आठ साल बाद फिर वही हालात बने हैं। पिछले 35 दिनों से तराई की धरती पर बारिश की एक बूंद तक नहीं गिरी है।
उत्तराखंड में बारिश के बिना ही अक्तूबर का महीना गुजर गया। हैरानी की बात है कि मैदानी शहरों के साथ ही पर्वतीय इलाकों में भी बारिश नहीं हुई। तराई-भाबर में आठ साल बाद फिर बिना बारिश के अक्तूबर सूखा गुजर गया है।
मानसून की विदाई के बाद पोस्ट मानसून की बारिश न होने से एक तो तराई में गर्मी पीछा नहीं छोड़ रही, दूसरा फसलों, फलों और सब्जियों के उत्पादन पर बारिश न होने का असर दिख सकता है।
पंतनगर मौसम केंद्र की रिपोर्ट की बात करें तो इससे पहले 2017 में अक्तूबर बिना बारिश के गुजरा था। अब आठ साल बाद फिर वही हालात बने हैं। पिछले 35 दिनों से तराई की धरती पर बारिश की एक बूंद तक नहीं गिरी है।
इस साल तराई में अंतिम बार बारिश 26 सितंबर को हुई थी। इसके बाद से नैनीताल, यूएसनगर के मैदानी क्षेत्र में बारिश नहीं हुई। बारिश नहीं होने के कारण ठंड में भी देरी हो गई है। तराई का अधिकतम न्यूनतम तापमान भी सामान्य से अधिक चल रहा है।
मौसम विभाग के विशेषज्ञों के मुताबिक पोस्ट मानसून की बारिश में देरी के कारण फसलों के अलावा सब्जियों और फलों पर भी असर पड़ सकता है। इससे पहले साल 2011 और 2012 में भी बिना बारिश के अक्तूबर का पूरा महीने गुजर गया था।
औसतन की बात कहें तो तराई में अक्तूबर में बारिश के दो दिन रहते हैं। औसतन अधिकतम 31 और न्यूनतम पारा 16.9 डिग्री रहता है।
पोस्ट मानसून की बारिश में विलंब हो रहा है, लेकिन नवंबर से अब ठंड रफ्तार पकड़ेगी। ठंड में भी समय-समय पर बारिश का पूर्वानुमान है।
डॉ.आरके सिंह, मौसम वैज्ञानिक, पंतनगर विवि
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