Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़young man was released after serving 9 years of sentence died in a road accident while returning home

9 साल की सजा काटकर रिहा हुआ था युवक, घर लौटते वक्त तेज रफ्तार ने ले ली जान, बाप-बेटी की मौत

  • कन्नौज से एक सनसीखेज मामला सामने आया है। जहां एक शख्स गुरुवार शाम 9 साल बाद जेल से छूटने के बाद बीवी और बेटी के साथ घर के लिए निकला था। लेकिन रास्ते में ही एक फॉर्च्यूनर ने उसकी ऑटो को टक्कर मार दी। जिससे बाप-बेटी की मौके पर ही मौत हो गई।

Pawan Kumar Sharma हिन्दुस्तान, कन्नौजSun, 15 Sep 2024 03:39 PM
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यूपी के कन्नौज से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। जहां एक शख्स गुरुवार शाम को 9 साल बाद जेल से छूटने के बाद बीवी और बेटी के साथ घर के लिए ऑटो में सवार होकर इटावा से निकला था। इस दौरान आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे पर रास्ते में बेकाबू फार्च्यूनर कार ने तालग्राम थाना क्षेत्र में ऑटो में जोरदार टक्कर मार दी थी। इस हादसे में आटो सवार बाप-बेटी की मौके पर ही जान चली गई थी। जबकि पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गई थी। युवक 9 साल तक जेल में बंद रहा।

कोतवाली गुरसहायगंज क्षेत्र के पड्डवनपुर्वा निवासी विजय कुमार 55 वर्ष हत्या के एक मामले में साल 2016 से आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। भाई रामबाबू ने बताया कि हाल ही में हाइकोर्ट से अपील पर उसे जमानत मिली थी और करीब नौ साल बाद वह जेल से बाहर आया था। उसे इटावा जेल से लेने के लिए पत्नी ईश्वरवती (50) और बेटी शुभी (18) कोतवाली गुरसहायगंज के सौसरापुर निवासी ऑटो चालक सोहेल के साथ गई थीं। उसे वहां से लेकर गांव वापस आते समय गुरुवार शाम जब तालग्राम थाना क्षेत्र में एक्सप्रेस वे के किमी संख्या 168 मुसाफिरपुर गांव करीब पहुंचा।

तभी इलाहाबाद के थाना कैंट अशोक नगर निवासी कार चालक शुभम त्रिपाठी ने कार से ऑटो में पीछे से जोरदार टक्कर मार दी। जिससे ऑटो चालक सोहेल व विजय कुमार उसकी पत्नी ईश्वरीवती, बेटी शुभी गंभीर रूप से घायल हो गई। घायलों को एम्बुलेंस की सहायता से मेडिकल कालेज तिर्वा भर्ती कराया। वहां पर विजय कुमार और उनकी बेटी शुभी को मृत घोषित कर दिया गया। जबकि पत्नी और आटो चालक को गंभीर हालत में कानपुर रेफर कर दिया गया।

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साल 2012 में हत्या के मामले में सजा काट रहा था। पड्डवनपुर्वा गांव में साल 2012 में गांव निवासी छोटे लाल की गोली मारकर हत्या कर दी थी। हत्या के मामले में कारावास की सजा हुई थी। मामले में राम बहादुर और छबिराम अपील पर साल 2018 में जेल से छूटे थे । जबकि विजय व रामबाबू जेल में ही बंद थे। रामबाबू अभी 15 दिन पहले ही अपील पर छूटे थे। सभी को दो साल में कन्नौज जेल से इटावा जेल शिफ्ट किया गया था। विजय को गुरुवार को अपील पर जेल से रिहा किया गया था। वह पत्नी और बेटी के साथ घर आ रहा था और हादसे का शिकार हो गया।

तेज रफ्तार ने ले ली पिता पुत्री की जान प्रत्यक्ष दर्शियों के मुताबिक जिस वक्त हादसा हुआ कार की रफ्तार काफी तेज थी। लोगों के का कहना है कि बेकाबू गति से चल रही कार ने ऑटो में पीछे से टक्कर मारी अगर कार की रफ्तार कम होती तो शायद हादसा टल सकता था।

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