त्रेता युग में जो रावण कर रहा था, वही आज... योगी का अयोध्या से अखिलेश पर बड़ा हमला
अयोध्या में बुधवार को दीपोत्सव का शुभारंभ करने के बाद सरयू तट से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्षी दलों और नेताओं को जमकर लताड़ा। बिना नाम लिए समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर बड़ा हमला बोला।
अयोध्या में बुधवार को दीपोत्सव का शुभारंभ करने के बाद सरयू तट से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्षी दलों और नेताओं को जमकर लताड़ा। बिना नाम लिए समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर बड़ा हमला बोला। सीएम योगी ने कहा कि त्रेता युग में जो रावण कर रहा था वही आज चाचा-काका वाले नेता कर रहे हैं। बंटोगे तो कटोगे की नसीहत देने के बाद अयोध्या में योगी ने कहा कि आज समाज को बांटने का उसी तरह से काम हो रहा है जैसे त्रेता युग में रावण कर रहा था।
सीएम योगी ने कहा कि सनातन धर्म दुनिया का सबसे प्राचीन और जीओ और जीने दो की प्रेरणा देने वाला धर्म है। सभी के कल्याण वाला धर्म है। सभी के कल्याण की बातें करने वाले धर्म पर अगर कोई प्रहार करेगा तो स्वयं के विनाश को ही आमंत्रित करेगा। जो ताकतें भारत को कमजोर करना चाहती हैं, वह समाज को बांटने का काम उसी रूप में कर रहे हैं जैसे कभी त्रेता युग में रावण और उसके अनुयायी कर रहे थे।
सीएम योगी ने कहा कि केवल नाम का अंतर है। काम उस समय भी उनका बांटने का था। आज भी उसी रूप में कोई जाति के नाम पर, कोई क्षेत्र के नाम पर, कोई भाषा के नाम पर, कोई परिवार के नाम पर बांटने का जो कुत्सित प्रयास हो रहा है। इसके नाम पर राष्ट्रीय एकता और अखंडता को जो चुनौती दी जा रही है, यह दीपोत्सव हम लोगों को नई प्रेरणा देने का अवसर है।
सीएम योगी ने कहा कि उस काल खंड में मारिच भी जानता था कि सोने का मृग बनकर के मेरी क्या दुर्गति होने वाली है। उस समय इंद्रजीत और कुंभकरण भी जानता था कि श्रीराम से दुश्मनी की क्या कीमत चुकानी पड़ेगी। स्वयं रावण भी जानता था कि राम स्वयं जगत नियंता विष्णु के ही अवतार हैं। राम से दुश्मनी जगत जननी सीता के अपहरण की कीमत उसे किस रूप में चुकानी पड़ेगी, लेकिन जब कहते हैं कि जब विनाश आता है तो मति पहले मर जाती है।
यही त्रेता युग में हुआ था। रावण और उसका परिवार इसलिए एक जैसी दुर्गति को प्राप्त हुए क्योंकि उनका पथ अधर्म, अत्याचार, शोषण का था। आज भी राजनीति के लिए फ्रेम बने हुए कुछ लोगों के पितरों को राजनीति के नाम पर चाचा और काकाओं की जमात को भी मालूम है कि देश और समाज के जो कृत्य हैं, वह वर्तमान या भविष्य की पीढ़ी के लिए अच्छे नहीं होंगे। लेकिन उनकी दुर्गति होनी है। इसलिए वह लोग भी वहीं बांटने का काम कर रहे हैं। आपस में विभाजन का काम कर रहे हैं। ऐसे लोगों को प्रश्रय देने का काम कर रहे हैं जो काम कभी रावण ने किया था। जो काम दुष्साशन ने किया था।
योगी ने कहा कि दीपोत्सव का यह आयोजन जहां दीपों की माला से सामाजिक और राष्ट्रीय एकता को संबल प्रदान करता है, वहीं इसे राष्ट्रीय एकता का एक प्रतीक भी बनाता है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन केवल एक धार्मिक परंपरा का निर्वाह नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा संदेश है, जो समाज को जोड़ता है और दुनिया को भारत की सांस्कृतिक महत्ता से परिचित कराता है।