अयोध्या पहुंचे सीएम योगी, अपने हाथों से श्रीराम का किया राजतिलक, देखिए फोटो
दीपोत्सव के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या पहुंच गए हैं। उनके साथ दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक के अलावा कई कैबिनेट मंत्री भी रामनगरी की भव्य और दिव्य दीपोत्सव देखने पहुंचे हैं। दिल्ली से केंद्री मंत्री गजेंद्र शेखावत भी आयोध्या आए हैं।
दीपोत्सव के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या पहुंच गए हैं। उनके साथ दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक के अलावा कई कैबिनेट मंत्री भी रामनगरी की भव्य और दिव्य दीपोत्सव देखने पहुंचे हैं। दिल्ली से केंद्री मंत्री गजेंद्र शेखावत भी आयोध्या आए हैं। अयोध्या पहुंचते ही सीएम योगी ने राम दरबार की अगवानी की। अपने हाथों से श्रीराम का राजतिलक किया। इसके साथ ही सीता, लक्ष्मण, हनुमान समेत अन्य का तिलक लगाकर और माला पहनाकर स्वागत किया। राजतिलक के बाद सीएम योगी ने खुद राम दरबार की आरती उतारी।
अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद पहली दिवाली को खास बनाने के लिए पूरी नगरी को संजाया और संवारा गया है। पूरा शहर सूरज ढलते ही दीयो की रोशनी से नहाने के लिए तैयार है। राम की पौड़ी पर इस बार 28 लाख दीपक जलाकर एक बार फिर नया गिनीज बुक रिकॉर्ड बनाने की तैयारी की गई है।
इससे पहले भगवान राम, सीता और लक्ष्मण के साथ पुष्पक विमान (हेलीकाफ्टर) से अयोध्या पहुंचे। सीएम योगी ने उनका स्वागत किया। इसके बाद प्रभु राम, सीता और लक्ष्मण के साथ रथ पर सवार हुए। योगी ने भगवान का रथ भी खींचा। प्रभु राम को रामकथा पार्क लाया गया। यहां योगी ने राम की आरती उतारी और राज तिलक किया। दीपोत्सव के अवसर पर भगवान राम के स्वागत में जगह-जगह कलाकार अपने हुनर का प्रदर्शन भी कर रहे हैं। इसके अलावा रामायण के प्रसंगों पर आधारित झांकियां निकाली जा रही हैं।
देशभर से भक्त अपने भगवान का स्वागत करने के लिए अयोध्या पहुंचे हुए हैं। पूरा माहौल राम मय है। राम मंदिर में खास रंगोली बनाई गई। इसमें फूलों का इस्तेमाल हुआ है। आकर्षक तोरण द्वार भी बनाए गए हैं।
संतों ने कहा- ऐसा लग रहा फिर से लौट आया है त्रेतायुग
इस वर्ष का दीपोत्सव एक ऐतिहासिक पर्व बन गया है। प्रभु श्रीरामलला के भव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद इस पर्व ने संतों और श्रद्धालुओं में एक विशेष उत्साह उत्पन्न किया है। अयोध्या के संत समाज ने इस दीपोत्सव पर विशेष हर्षोल्लास व्यक्त करते हुए इसे एक अद्वितीय आयोजन बताया है, जो 500 वर्षों की लंबी प्रतीक्षा के बाद संभव हुआ है।
मानो फिर से लौट आया हो त्रेतायुग, संतों का उल्लास
अयोध्या के दशरथ महल के महंत बिंदु गद्याचार्य स्वामी देवेन्द्र प्रसादाचार्य ने दीपोत्सव को सनातन धर्म की धरोहर बताया। उन्होंने कहा, "दीपावली और दीपोत्सव सनातन धर्म का आधार हैं, और इस बार का दीपोत्सव विशेष है क्योंकि प्रभु श्रीराम का अयोध्या में अपने धाम पर पुनः आगमन हुआ है।
यह दीपोत्सव हमारे प्रभु श्रीराम को आस्था और श्रद्धा व्यक्त करने का एक अद्वितीय अवसर है, जिससे संतजन हर्षित और पुलकित हैं।" संतों का मानना है कि अयोध्या वही दृश्य फिर से प्रस्तुत कर रही है जो त्रेतायुग में श्रीराम के आगमन पर देखने को मिला था।
पूरी अयोध्या गर्वान्वित
चौभुजी मंदिर के महंत बृजमोहन दास महाराज ने दीपोत्सव के इस अद्वितीय अवसर पर अपनी रचित पंक्तियों के माध्यम से अपनी भावना व्यक्त की। उनका कहना है कि श्रीरामलला के अयोध्या में विराजमान होने से न केवल संत समाज, बल्कि अयोध्या की पूरी जनता गर्वित है और इस दीपोत्सव में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही है।
बधाई भवन के महंत ने बताया ऐतिहासिक क्षण
बधाई भवन मंदिर के संत महंत राजीव लोचन शरण महाराज ने कहा, "जैसे त्रेतायुग में भगवान के अयोध्या आगमन पर जो दिव्य दृश्य था, वह आज पुनः हमारे सामने है। हम संतजन इस ऐतिहासिक क्षण को देखकर हर्षित हैं और इस दीपोत्सव में अद्वितीय उत्साह के साथ शामिल हो रहे हैं।"
भव्य दीपोत्सव से मिली अयोध्या को विशेष आध्यात्मिक ऊंचाई
अयोध्या में सरयू तट से लेकर श्रीराम लला मंदिर और अन्य विभिन्न मंदिरों में दीप जलाकर इस अद्वितीय दीपोत्सव को मनाने की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। संत समाज, श्रद्धालुओं और सरकार के सामूहिक प्रयासों से यह दीपोत्सव न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह संपूर्ण विश्व में अयोध्या की दिव्यता और आस्था का संदेश भी प्रसारित कर रहा है। इस ऐतिहासिक दीपोत्सव में संतों की भावनाएं और आस्था झलक रही हैं, जो अयोध्या को एक विशेष आध्यात्मिक ऊंचाई प्रदान कर रही है।