इन सदस्यों का वेतन बढ़ाएगी योगी सरकार, रिटायर्ड कर्मियों को 7वें वेतन के बराबर पेंशन देने पर भी मंथन
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सदस्यों का वेतन और सेवानिवृत्त हो चुके सदस्यों को सातवें वेतन आयोग बराबर पेंशन देने का सरकार विचार कर रही है। उच्च स्तर पर इस संबंध में विचार-विमर्श किया जा रहा है।

यूपी सरकार उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सदस्यों का वेतन और सेवानिवृत्त हो चुके सदस्यों को सातवें वेतन आयोग बराबर पेंशन देने का विचार कर रही है। उच्च स्तर पर इस संबंध में विचार-विमर्श किया जा रहा है। लोक सेवा आयोग के सदस्यों की अपेक्षा अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सदस्यों को काफी कम वेतन मिल रहा है।
उत्तर प्रदेश में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का गठन वर्ष 1999 में किया गया था। वर्ष 2007 में बसपा की सरकार में इसे भंग कर दिया गया था। इसके बाद वर्ष 2012 में अखिलेश की सरकार बनने के बाद इसका फिर से गठन किया गया। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग समूह ‘ग’ व ‘घ’ के पदों पर भर्ती करता है। इसमें एक अध्यक्ष और सात सदस्य होते हैं।
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सदस्यों को करीब 1.48 लाख रुपये वेतन मिलता है, जबकि लोक सेवा आयोग के सदस्यों को सवा दो लाख के आसपास वेतन मिलता है। इसीलिए उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सदस्य चाहते हैं कि उनका वेतन भी बढ़ा दिया जाए। इसको लेकर आयोग शासन से कई बार अनुरोध कर चुका है। सूत्रों का कहना है कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा भेजे गए प्रस्ताव पर उच्च स्तर पर विचार-विमर्श हुआ था। इसमें तय किया गया है कि एक बार उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के सदस्यों के वेतन पर भी चर्चा कर ली जाए। इसके आधार पर अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सदस्यों का वेतन बढ़ाने पर विचार किया जाए। उच्च स्तर पर सहमति बनने के बाद कैबिनेट से प्रस्ताव पास कराया जाएगा।