Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Yogi government will clean the big cities with machines in UP, air pollution will reduce.

यूपी में बड़े शहरों में मशीन से सफाई कराएगी योगी सरकार, वायु प्रदूषण में आएगी कमी

यूपी में योगी सरकार बड़े शहरों में मशीन से सफाई कराएगी। उच्च स्तर पर इसको लेकर सहमति बन गई है। पहले चरण में यूपी के 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, आगरा, गाजियाबाद और मेरठ में यह काम कराया जाएगा

Deep Pandey लाइव हिन्दुस्तानThu, 22 Aug 2024 07:44 AM
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राज्य सरकार बड़े शहरों में सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए मशीनों का सहारा लेने जा रही है। मशीनों से प्रमुख बाजारों के मुख्य मार्गों में सफाई कराई जाएगी। उच्च स्तर पर इसको लेकर सहमति बन गई है। पहले चरण में यूपी के 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, आगरा, गाजियाबाद और मेरठ में यह काम कराया जाएगा। इसके लिए नगर निगमों को मशीन खरीदने के लिए पैसे भी दिए जाएंगे।

केंद्र सरकार वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए विशेष उपाय करा रही है। इसके लिए राज्य सरकारों को पैसे दिए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों को इसमें लिया गया है। इन शहरों में सफाई व्यवस्था के साथ ही वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए मशीनें खरीदने का पैसा दिया जा रहा है। इससे सफाई की मशीनें लेने के साथ ही पानी छिड़काव के लिए भी मशीनें ली जाएंगी। इसके साथ ही कूड़ा ढक कर ले जाने के लिए भी तिरपाल आदि खरीदने के लिए सुविधा दी जाएगी। नगर विकास विभाग नगर निगमों से इसके लिए जल्द ही प्रस्ताव मांगने जा रहा है। इसके आधार पर नगर निगमों को पैसे उपलब्ध कराए जाएंगे।

40 हजार सफाई कर्मियों की कमी

प्रदेश में सफाई कर्मियों की भारी कमी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेश में करीब 43 हजार कर्मियों की कमी बताई गई है। प्रदेश में पिछले कई सालों से स्थाई सफाई कर्मियों की भर्ती नहीं की गई है। कार्यदायी संस्था के माध्यम से ठेके पर कार्मियों को रखकर काम चलाया जा रहा है। केंद्र सरकार हर साल शहरों की स्वच्छता रैकिंग कराती है। उत्तर प्रदेश के शहरों की स्थिति में पिछले कुछ सालों में सुधार आया तो जरूर है, लेकिन नगर विकास विभाग इंदौर जैसे शहरों का दर्जा पाना चाहता है। इसीलिए केंद्र से मिलने वाले पैसे से नगर निगमों को सफाई के लिए मशीन खरीदने का पैसा दिया जाएगा, जिससे मुख्य मार्गों से कर्मियों को हटाकर अन्य स्थानों पर लगाकर इसका लाभ लिया जा सके।

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