यूपी में आबादी के हिसाब से शहरों को सुविधाएं, मानक बदलने जा रही योगी सरकार, क्या है मकसद?
यूपी में योगी सरकार आबादी के हिसाब से शहरों को सुविधाएं देगी। सरकार सुविधाएं देने के लिए मानक बदलने जा रही है। इसका मकसद शहरी लोगों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं देना है।
योगी सरकार जिस तरह से शहरों की आबादी तेजी से बढ़ रही है, उसी तरह से सुविधाएं देने के लिए मानक बदलने जा रही है। नई योजनाओं में जहां 18 मीटर से अधिक चौड़ी सड़कें बनाई जाएंगी, वहीं पार्क, कल्याण मंडप व छात्रावास जैसी और अधिक सुविधाएं दी जाएंगी। नगर विकास विभाग इसके लिए नए बजट में प्रावधान कर रहा है। इसका मकसद शहरी लोगों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं देना है।
प्रदेश के नगर निगमों की आबादी में तेजी से इजाफा हो रहा है। अभी तक नगर निगमों में अधिकतम 10 लाख की आबादी मानकर विकास कार्य का खाका तैयार किया जाता था, लेकिन अब बड़े शहरों में आबादी 20 लाख से अधिक हो गई है।
खासकर लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, आगरा, गाजियाबाद और वाराणसी की आबादी 20 लाख से अधिक हुई है। पहले इन शहरों की आबादी 10 लाख से अधिक मानी जाती थी। इसीलिए इन शहरों में सबसे अधिक सुविधाएं देने पर सहमति बनी है।
शहरी दायरा बढ़कर 11,257 वर्ग किमी
प्रदेश के शहरों का दायरा तेजी से बढ़ रहा है। एक समय प्रदेश की शहरी सीमा 6264 वर्ग किलो मीटर हुआ करती थी, लेकिन मौजूदा समय यह दायरा 11257 वर्ग किलो मीटर हो गया है। दायरा बढ़ाने के साथ आवासीय क्षेत्रफल भी तेजी से बढ़ रहा है। इससे शहरी आबादी भी तेजी से बढ़ी है। नगर विकास विभाग इसके आधार पर भी शहरों को अधिक सुविधाएं देकर लोगों की ईज ऑफ लिविंग बेहतर करना चाहती है। नए वित्तीय वर्ष के लिए इसके आधार पर ही बजट में जरूरी प्रावधान किए जा रहे हैं, जिससे बेहतर सुविधाएं देने के लिए बजट की कमी न रहे।
कई शहरों की आबादी 20 लाख से ज्यादा
आगरा, गाजियाबाद, कानपुर, प्रयागराज, लखनऊ व वाराणसी शहर की आबादी 20 लाख से अधिक है। मेरठ, गोरखपुर, मुरादाबाद, बरेली, अलीगढ़, मथुरा-वृंदावन व अयोध्या की आबादी 10 से 20 लाख है। शाहजहांपुर, फिरोजाबाद, झांसी व सहारनपुर नगर निगम की आबादी पांच से 10 लाख के बीच हो गई है।
ये सुविधाएं होंगी बेहतर
● नई कालोनियों में 18 मीटर के स्थान पर 25 मीटर सड़कें दी जाएंगी
● ग्राम समाज से मिली खाली जमीनों पर पार्क और ग्रीन बेल्ट बनेंगे
● कल्याण मंडप के साथ ही सामुदायिक सुविधाएं भी दी जाएंगी
● कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास के निर्माण कराए जाएंगे
● बच्चों के लिए खेलने के स्थान विकसित किए जाएंगे
● ऑनलाइन पुस्तकालय भी बनाए जाएंगे जिससे युवा लाभ ले सकें