हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद एक्शन में योगी सरकार, यमुना एक्सप्रेस प्राधिकरण चेयरमैन अनिल सागर हटाए गए
यूपी की योगी सरकार ने प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास व आईटी एवं इलेक्ट्रानिक और अध्यक्ष यमुना एक्सप्रेस प्राधिकरण अनिल कुमार सागर को हटाते हुए प्रतीक्षारत कर दिया है।
यूपी की योगी सरकार ने प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास व आईटी एवं इलेक्ट्रानिक और अध्यक्ष यमुना एक्सप्रेस प्राधिकरण अनिल कुमार सागर को हटाते हुए प्रतीक्षारत कर दिया है। बताया जा रहा है कि यमुना एक्सप्रेस प्राधिकरण में एक ही तरह के तीन मामलों में अलग-अलग फैसला देना उन्हें भारी पड़ा है।
यमुना एक्सप्रेस प्राधिकरण अध्यक्ष और प्रमुख सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास का चार्ज होने के नाते अनिल कुमार सागर के पास वहां के मामलों की सुनवाई करने का अधिकार उनके पास रहा। यमुना एक्सप्रेस प्राधिकरण के दायरे में आने वाली बर्ड सेंचुरी में एनजीटी के आदेश पर बिल्डरों कुछ लाभ दिया जाना था। मगर आरोप है कि कुछ बिल्डर्स को तो यह लाभ मिला, लेकिन कुछ को नहीं दिया गया।
बताया जा रहा है कि इस नाराजगी के चलते एक बिल्डर ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। इसमें आरोप लगाया गया कि एक ही तरह के मामलों में अलग-अलग तरीके के निर्णय दिए गए। कुछ बिल्डर के कई प्रोजेक्ट रद्द करने का आरोप लगाया गया है। इसी के बाद हाईकोर्ट ने अनिल सागर को लेकर टिप्पणी की थी। अनिल कुमार सागर 1 दिसंबर 2022 को औद्योगिक विकास विभाग में बतौर सचिव तैनात किए गए थे। सचिव के बाद उच्च पद पर पदोन्नति मिली तो उन्हें यहीं पर 1 दिसंबर 2022 से प्रमुख सचिव की तैनाती दे दी गई।
औद्योगिक प्राधिकरणों में सुनवाई के लिए नए सिरे से अधिकारी अधिकृत
औद्योगिक विकास विभाग ने मामलों की सुनवाई के लिए अधिकारियों को नए सिरे से अधिकृत किया है। संयुत सचिव औद्योगिक विकास जयवीर सिंह ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। अभिषेक प्रकाश सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास ग्रेटर नोएडा और सीडा, रम्या आर विशेष सचिव नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण व गीडा और पीयूष वर्मा विशेष सचिव यमुना एक्सप्रेस औद्योगिक विकास प्राधिकरण व यूपीसीडा के मामलों की सुनवाई करेंगे।