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योगी कैबिनेट ने प्रयागराज महाकुंभ के लिए खोला खजाना, 23 प्रस्तावों पर लगी मुहर, जानिए फैसले

यूपी की योगी कैबिनेट ने महाकुंभ के प्रचार-प्रसार के लिए खजाना खोल दिया है। शुक्रवार को सीएम योगी की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में 24 प्रस्ताव रखे गए थे। इनमें से 23 को मंजूरी मिल गई है।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तानFri, 22 Nov 2024 09:14 PM
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यूपी की योगी कैबिनेट ने महाकुंभ के प्रचार-प्रसार के लिए खजाना खोल दिया है। शुक्रवार को सीएम योगी की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में 24 प्रस्ताव रखे गए थे। इनमें से 23 को मंजूरी मिल गई है। बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री एके सिंह और सुरेश खन्ना ने कैबिनेट के फैसले की जानकारी मीडिया से साझा की। बताया कि महाकुंभ के लिए देश के बड़े शहरों में रोड शो होगा। इसके अलावा विदेशों में नेपाल, थाईलैंड, इंडोनेशिया, मॉरिशस में रोड शो को भी मंजूरी दी गई है। रोडशो में महाकुंभ की विरासत से लोगों को परिचित कराया जाएगा। गृह विभाग का भी महाकुंभ से जुड़ा एक प्रस्ताव था। इसमें नए वाहन खरीदने के लिए प्रस्ताव रखा गया था। इसे भी मंत्री परिषद ने मंजूरी दे दी है। कुल 220 वाहन खरीदे जाएंगे। इनमें 200 बोलोरो, 20 बसें 27.48 करोड़ से खरीदी जाएंगी।

13 जनवरी से 26 फरवरी तक प्रयागराज में भव्य महाकुम्भ का आयोजित हो रहा है। सनातन धर्म के इस सबसे बड़े उत्सव को भव्य बनाने को लेकर योगी सरकार मिशन मोड में जुटी हुई है।लोकभवन में कैबिनेट मंत्री एके शर्मा ने पत्रकारों को बताया कि विदेशों में सनातन संस्कृति का प्रचार-प्रसार भारत और भारत के बाहर अनेक देशों में किए जाने का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सुझाव दिया गया था। इसके तहत देश के विभिन्न बड़े शहरों और विदेशों में भी मंत्रियों के नेतृत्व में रोड शो का आयोजन होगा।

भारत के अंदर नई दिल्ली, मुम्बई पुणे, जयपुर, हैदराबाद, तिरुवनंतपुरम, अहमदाबाद, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलूरु, गुवाहाटी, देहरादून, भोपाल, चंडीगढ़ और पटना जैसे शहरों में रोड शो का आयोजन होगा। रोड शो का खर्च भी नगर विकास विभाग वहन करेगा। उन्होंने बताया कि प्रत्येक शहर में रोड शो पर 20 से 25 लाख का खर्च आएगा। फिक्की और सीआईआई को इस रोड शो में पार्टनर बनाया जाएगा।

220 वाहनों की खरीद करेगी सरकार

मंत्री एके शर्मा ने बताया कि महाकुम्भ के लिए सरकार ने 220 वाहन खरीदने का फैसला लिया है। इसके लिए 27.48 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे। इनमें 40 महिन्द्रा बोलेरो नियो, 160 बोलेरो बी6 बीएसवीआई और 20 बसों की खरीद की जाएगी।

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एटीएस और सुरक्षा विभाग के लिए 959 नए वाहन खरीदे जाएंगे

सुरक्षा विभाग और एटीएस के लिए पुलिस महकमे में 959 वाहनों को खरीदने का रास्ता साफ हो गया है। गृह विभाग के इन प्रस्तावों को कैबिनेट ने शुक्रवार को पास कर दिया है। इनमें वीवीआईपी और वीआईपी की फ्लीट के लिए 76 स्कार्पियों की खरीद की जाएगी। इसी तरह निष्प्रयोज्य वाहनों की जगह 899 नए वाहन खरीदने की मंजूरी मिल गई है।

एटीएस में निष्प्रयोज्य 37 वाहनों के स्थान पर 37 नए वाहन खरीदने का प्रस्ताव भी पास कर लिया गया है। इसके अलावा 23 नए दोपहिया वाहन खरीदे जाएंगे। गृह विभाग ने यूपी पुलिस के सभी विभागों से इस बारे में प्रस्ताव लिए थे। सुरक्षा विभाग और एटीएस में लम्बे समय से नए वाहनों की जरूरत बताई गई थी। कई बार काफी संख्या में वीआईपी और वीवीआईपी के आने पर फ्लीट के वाहनों की कमी सामने आई थी।

हर जिले में एक विश्वविद्यालय

यूपी में अब हर मंडल में विश्वविद्यालय हो गया है। फिलहाल 171 महाविद्यालय हैं। 71 महाविद्यालय नवनिर्मित या निर्माणाधीन हैं। इसमें से 17 संगठक महाविद्यालय के रूप में संचालित थे, जो विश्वविद्यालय से एफिलेटेड थे। अब इन 71 महाविद्यालयों को राजकीय विद्यालय के रूप में संचालित करने का प्रस्ताव पास किया गया है। अगले 5 साल में हर जिले में एक विश्वविद्यालय होगा। इसके अलावा 71 प्राचार्य के पद, 1136 सहायक आचार्य, 639 क्लास-3 और 710 क्लास-4 के पद भी सृजित होंगे। बिजनौर में विवेक महाविद्यालय को प्राइवेट विश्वविद्यालय के रूप में मान्यता दी गई है। यानी एक और विश्वविद्यालय प्रदेश को मिल गया है। टॉप-100 में यूपी के 3 विश्वविद्यालय आ चुके हैं।

80 राजस्व गांवों को कानपुर विकास क्षेत्र में शामिल किए जाने को मंजूरी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को संपन्न प्रदेश कैबिनेट की बैठक में वर्तमान में प्रस्तावित 80 राजस्व ग्रामों को कानपुर विकास क्षेत्र में शामिल किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। कानपुर विकास प्राधिकरण के विकास क्षेत्र की सीमा में पूर्व में शासन द्वारा जारी समस्त अधिसूचनाओं को अधिक्रमित करते हुए उनमें सम्मिलित समस्त क्षेत्र भी इसमें शामिल किए गए हैं।

सचिव कानपुर विकास प्राधिकरण द्वारा 19 जनवरी 2024 में प्राधिकरण बोर्ड की बैठक से अनुमोदन के बाद विकास क्षेत्र के विस्तार का प्रस्ताव उपलब्ध कराया गया था। मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक उत्तर प्रदेश ने सीमा विस्तार के इस प्रस्ताव को औचित्यपूर्ण करार दिया था। कानपुर विकास प्राधिकरण के प्रस्ताव और मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक की संस्तुति के साथ ही परामर्शी विभागों जैसे पंचायती राज तथा नगर विकास विभाग द्वारा भी अनापत्ति दी गई थी।

11 सितंबर 1974 में उत्तर प्रदेश नगर योजना एवं विकास अधिनियम-1973 की धारा तीन के तहत कानपुर विकास क्षेत्र घोषित किया गया था। इसके बाद दिसंबर 1983, दिसंबर 1996, जुलाई 1999 तथा जनवरी 2000 में कानपुर विकास क्षेत्र का विकास किया गया था।

यूपी के डिग्री कॉलेजों में 2,256 पद भरे जाएंगे

उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी पहल करते हुए योगी सरकार ने 71 महाविद्यालयों में 2556 पद सृजित करने का निर्णय लिया है। इन महाविद्यालयों में कला, वाणिज्य व विज्ञान संकाय शुरू करने के लिए ये पद सृजित किए गए हैं। इनमें प्रचार्य के 71 पद, सहायक आचार्य के 1136 पद, तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के कुल 639 व चतुर्थ श्रेणी के 710 पद सृजित होंगे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया। उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि 71 नवनिर्मित या निर्माणाधीन महाविद्यालयों को राजकीय महाविद्यालय के रूप में संचालित करने का निर्णय लिया गया है। विभाग द्वारा वर्तमान में 171 राजकीय महाविद्यालय संचालित हैं। इनमें 71 महाविद्यालय नवनिर्मित अथवा निर्माणाधीन हैं। इनमें से 17 संगठक महाविद्यालय के रूप में चयनित थे।

पहले विश्वविद्यालयों द्वारा इनका संचालन किया जाता था। पिछले दिनों कुछ विश्वविद्यालयों द्वारा इनके सुचारू संचालन को लेकर असमर्थता जाहिर की गई थी। जिसके बाद ये प्रस्ताव लाया गया कि 71 महाविद्यालयों का संचालन अब सीधे प्रदेश सरकार करेगी। अब तक इनमें संविदा के आधार पर लोग रखे जाते थे। अब सभी 71 महाविद्यालयों में 71 प्राचार्य के पद और प्रत्येक महाविद्यालय में 16-16 के आधार पर 1136 सहायक आचार्य के पद, 639 क्लास थ्री और 710 क्लास फोर के पद सृजत होंगे। इससे रोजगार के अवसर मिलेंगे साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता भी बढ़ेगी।

बिजनौर में खुलेगा विवेक विश्वविद्यालय

उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि बिजनौर में विवेक विश्वविद्यालय को संचालन का प्राधिकार पत्र प्रदान किया गया है। इससे अब प्रदेश में एक और निजी विश्वविद्यालय का संचालन शुरू होगा। इससे स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा, जिससे सरकारी विश्वविद्यालयों की गुणवत्ता और बढ़ेगी। उन्होंने बताया कि यूपी में पिछले दो-ढाई साल में सर्वाधिक ग्रेड प्राप्त विश्वविद्यालय उभर कर सामने आए हैं। फिलहाल, नैक ग्रेडिंग में यूपी के सात विश्वविद्यालय ए डबल प्लस, 4 ए प्लस हैं। इसके साथ ही छह निजी विश्वविद्यालय ए प्लस और 4 निजी विश्वविद्यालय ए ग्रेड में शामिल हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि पहले यूपी का पहले कोई भी विश्वविद्यालय टॉप 500 में भी नहीं था। आज टॉप 100 में प्रदेश के तीन विश्वविद्यालय आ गए हैं। योगी सरकार का लक्ष्य अगले पांच साल में प्रदेश के सभी जिलों में एक-एक विश्वविद्यालय खोलने का है।

यूपी के नौ शहरों का चार हजार करोड़ से होगा कायाकल्प

प्रदेश सरकार ने नौ विकास प्राधिकरणों को विकास परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए 4164.16 करोड़ रुपये देगी। इन प्राधिकरणों में सहारनपुर, मथुरा-वृंदावन, फिरोजाबाद, शिकोहाबाद, लखनऊ, मुरादाबाद, खुर्जा, बांदा एवं मेरठ शामिल हैं। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कैबिनेट में लिए गए इस निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि सीड कैपिटल के रूप में 4164.16 करोड़ रुपये प्रदान करने का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया है। इस वित्तीय वर्ष में इसके तहत 1285 करोड़ रुपये मंजूर हुए हैं।

इस योजना में भूमि अर्जन में आने वाले खर्च का प्रतिशत तक राज्य सरकार द्वारा सीड कैपिटल के रूप में अधिकतम 20 वर्ष की अवधि के लिए दिए जाने का प्रावधान है। नए शहरों का समग्र व समुचित विकास मद में वित्तीय वर्ष 2024-25 में 3000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। इससे नगरीय क्षेत्रों में सुनियोजित व सुव्यवस्थित विकास होगा। साथ ही बढ़ती आबादी के मद्देनजर आवासीय सुविधाएं भी बढ़ाई जाएंगी।

एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल को जीएसटी से बाहर

वित्तमंत्री ने बताया कि सेंट्रल एक्ट में संशोधन के बाद उत्तर प्रदेश में भी जीएसटी में संशोधन का फैसला मंत्री परिषद् द्वारा किया गया है। इसके तहत एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल को जीएसटी से निकाल कर वैट में डाला गया है। इससे यूपी का राजस्व बढ़ेगा। अब तक एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल से 50 परसेंट राजस्व यूपी को मिलता था, जबकि इस फैसले के बाद 100 प्रतिशत राजस्व लाभ मिलेगा। इससे प्रदेश में शराब के दामों में कोई परिवर्तन नहीं आएगा।

नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्वा मेट्रो लाइन का विस्तार होगा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बीच मेट्रो रेल सेवा के एक्वा लाइन का विस्तार किया जाएगा। बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूर कर लिया गया है। सेक्टर-51 मेट्रो स्टेशन से ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-20 तक यातायात को और सुगम बनाने के लिए यह निर्णय लिया गया है।

वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने शुक्रवार को लोकभवन में बताया कि नोएडा से ग्रेटर नोएडा में यातायात को और सुगम बनाने के लिए 17.435 किमी लंबी सेक्टर-51 नोएडा स्टेशन से ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क 20 तक एक्वा लाइन मेट्रो परियोजना के विस्तार के संबंध में कैबिनेट द्वारा प्रस्ताव स्वीकृत किया गया है। इसमें 394 करोड़ रुपये भारत सरकार और 394 करोड़ रुपये राज्य सरकार की ओर से खर्च किए जाएंगे। राज्य सरकार की ओर से 40 प्रतिशत धनराशि नोएडा और 60 प्रतिशत धनराशि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत की जाएगी।

सार्वजनिक क्षेत्र के कर्ज दायित्वों के लिए मोचन निधि

उत्तर प्रदेश सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, निगमों व सहकारी संस्थाओं द्वारा लिए गए ऋण की अदायगी में चूक होने पर किश्त की अदायगी के लिए प्रत्याभूति मोचन निधि (गारंटी रिडम्प्शन फंड) सृजित किया जाएगा। इस आशय के प्रस्ताव को शुक्रवार को राज्य कैबिनेट ने अनुमोदित किया। सरकार इस निधि के तहत 8170 करोड़ का फंड तैयार करेगी। जिसमें हर साल 1634 करोड़ रुपये जमा होंगे।

प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों ने 1,63,399.82 करोड़ रुपये ऋण ले रखा है। केंद्रीय वित्त आयोग, भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक तथा भारतीय रिजर्व बैंक की संस्तुतियों के क्रम में प्रदेश सरकार ने यह गारंटी रिडम्प्शन फंड बनाने का यह निर्णय लिया है। इस निधि का उपयोग भुगतान प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए किया जाएगा। इस निधि के बन जाने से निवेशकों के बीच सकारात्मक संदेश जाएगा।

विभिन्न संस्थाओं को शासकीय प्रत्याभूति के मुकाबले कम ब्याज दर पर ऋण मिल सकेगा। किसी संस्था द्वारा ऋण की अदायगी में चूक किए जाने पर संचित निधि से ऋण की अदायगी की जा सकेगी, इससे राज्य सरकार की समेकित निधि पर कोई बोझ नहीं आएगा। इस निधि में जमा होने वाली धनराशि के आधार पर आरबीआई द्वारा राज्य सरकार को विशेष आहरण सुविधा का लाभ देगी।

बुंदेलखंड में सौर ऊर्जा निकासी के लिए 620 करोड़ की परियोजना मंजूर

बुंदेलखंड के चित्रकूट, बांदा और निकटवर्ती क्षेत्रों में स्थापित की जा रही 800 मेगावाट की सौर परियोजनाओं से उत्पादित बिजली की निकासी के लिए 400/220 केवी का सब स्टेशन तथा लाइनों के निर्माण के प्रस्ताव को कैबिनेट ने अनुमोदित किया है। इस परियोजना की लागत 619.90 करोड़ रुपये के करीब अनुमानित की गई है।

परियोजना का काम पूरा होने पर बुंदेलखंड में बिजली आपूर्ति बेहतर होगी

शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आयोजित प्रदेश कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इस परियोजना के पूरा होने पर बुंदेलखंड क्षेत्र के चित्रकूट, बांदा और आसपास के क्षेत्रों को समुचित बिजली दी जा सकेगी। इससे इस क्षेत्र में औद्योगिक, वाणिज्यिक और आवासीय गतिविधियों में तेजी आएगी। इस परियोजना का काम भारत सरकार की ग्रीन एनर्जी कारिडोर-दो योजना के तहत होगा।

सौर ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि से ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा यूपी

यूपी को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने सौर ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित किया है। जिसके तहत बुंदेलखंड क्षेत्र में 4000 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाओं को स्थापित किए जाने का काम किया जा रहा है। इन परियोजनाओं से उत्पादित बिजली की निकासी के लिए ट्रांसमिशन उपकेंद्रों की स्थापना और विद्युत लाइनों का निर्माण भी किया जाना है। सौर ऊर्जा का उत्पादन बढ़ने पर बिजली विभाग को प्रदेश में सप्लाई करने के लिए सस्ती बिजली मिल सकेगी। जिससे उपभोक्ताओं को भी सस्ती बिजली दिए जाने का रास्ता बनेगा।

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