बच्चे न होने पर पत्नी ने की खुदकुशी, हाईकोर्ट ने पति के पौरुष की जांच के दिए आदेश
- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि बच्चे को जन्म न दे पाने के लिए हमेशा महिला को ही दोषी नहीं ठहरा सकते हैं। कई बार कमी पुरुष में ही होती है। ऐसे में बिना जांच के महिला को जिम्मेदार ठहराना उचित नहीं है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि बच्चे को जन्म न दे पाने के लिए हमेशा महिला को ही दोषी नहीं ठहरा सकते हैं। कई बार कमी पुरुष में ही होती है। ऐसे में बिना जांच के महिला को जिम्मेदार ठहराना उचित नहीं है। कोर्ट ने दहेज उत्पीड़न और खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोपी पति के पौरुष शक्ति का परीक्षण करने का आदेश दिया है और जांच रिपोर्ट 12 नवंबर को पेश करने को कहा है। यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने हापुड़ के मोनी उर्फ मोनू की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिया है।
याची के खिलाफ हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर थाने में एफआईआर दर्ज है। याची का कहना था कि उसकी पत्नी को बच्चे नहीं हो रहे थे। इस वजह से अवसादग्रस्त पत्नी ने खुदकुशी की है। कोर्ट ने याची के पौरुष शक्ति का परीक्षण कराने का आदेश देते हुए कहा कि बच्चे न होने के लिए हमेशा महिलाओं को ही दोषी नहीं माना जा सकता, पुरुषों में भी पौरुष शक्ति की कमी हो सकती है। जिसके कारण बच्चे पैदा नहीं होते। कोर्ट ने 12 नवंबर तक पौरुष शक्ति परीक्षण की रिपोर्ट तलब की है।